सेब बागीचों में फ्लावरिंग के दौरान मौसम का अनुकूल होना जरूरी है। प्रदेश में मई व जून में मौसम की खराबी के कारण सेब की सैटिंग बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अभी तक बागवानी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सेब व अन्य फलों को 200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। ये आंकड़ा 31 मई तक का है।
हिमाचल में शिमला जिला में सबसे अधिक सेब का उत्पादन होता है। शिमला के अलावा कुल्लू, मंडी, चंबा, किन्नौर व लाहौल-स्पीति में भी सेब उगाया जाता है। आंकड़ों के हिसाब से देखें तो हिमाचल में वर्ष 2010 में सबसे अधिक 4.46 करोड़ पेटी सेब उत्पादन हुआ था। उससे अगले साल ये उत्पादन बुरी तरह से गिरा। वर्ष 2011 में सेब उत्पादन का आंकड़ा 1.37 करोड़ पेटी पर सिमट गया। वर्ष 2012 में यह 2.06 करोड़ पेटी, वर्ष 2013 में 3.69 करोड़ पेटी, वर्ष 2014 में 3.12 करोड़ पेटी, वर्ष 2015 में 3.88 करोड़ पेटी व पिछले साल यह आंकड़ा 2.34 करोड़ पेटी रहा था।
बागवानी विभाग के डिप्टी डॉयरेक्टर (प्लानिंग) बीएस गुलेरिया के अनुसार उत्पादन के अनुमान की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी जिलों के उपनिदेशकों को कहा गया है। इस बार उत्पादन कम होने की आशंका है।