ग्रेटर नोएडा. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में कर्मचारियों के नाम पर 90 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। जानकारी के अनुसार कर्मचारियों के पीएफ और ईएसआई के 90 करोड़ रुपये जमा ही नहीं कराए गए हैं। इतना ही नहीं इनमें 600 कर्मचारियों की फर्जी तरीके से सैलरी उठा ली गई है। नोटिस मिलने के बाद में अथॉरिटी अफसरों ने कर्मचारियों की सैलरी पर रोक लगा दी है।
पीएफ डिपॉर्टमेंट ने 600 कर्मचारियों के 90 करोड़ रुपये जमा कराने का नोटिस अथॉरिटी अफसरों को भेजा है। इन कर्मचारियों के पीएफ और ईएसआई के रुपये जमा ही नहीं कराए गए हैं। यह रकम ठेकेदार को तो अथॉरिटी की तरफ से जारी कर दी गई, लेकिन पीएफ डिर्पाटमेंट में जमा नहीं कराई गई है। फिलहाल अथॉरिटी के फाइनेंस विभाग ने कर्मचारियों की सैलरी पर रोक लगा दी है।
योगी सरकार में पीएफ डिर्पाटमेंट के नोटिस के बाद में भले ही अफसर हरकत में आ गए हाें, लेकिन पीएफ और ईएसआई के खिलाफ पहले भी आवाज उठ चुकी है। कर्मचारी पीएफ और सैलरी को लेकर पिछले 9 साल से अथॉरिटी के खिलाफ आए दिन प्रदर्शन करते आ रहे हैं। ये स्थायी करने की मांग भी कर रहे हैं। सवाल यह है कि पिछले 9 साल से अफसरों को मामले की जानकारी होने के बाद भी ठेकेदार के खिलाफ कदम क्यों नही उठाया। सूत्रों की मानें तो घोटाले के इस खेल में अथॉरिटी के अफसर भी शामिल थे।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में पीएफ, फर्जी सैलरी रिलीज, ईएसआई में करोड़ों रुपये के घपले के खिलाफ पहले भी आवाज उठ चुकी है। हाल ही में दिसंबर-जनवरी 2017 में कर्मचारियों ने पीएफ और ईएसआई को लेकर अथॉरिटी पर प्रदर्शन किया था। आरोप है कि उन्हें सैलरी कागजों में ज्यादा दिखाई जा रही है, जबकि दी कम जा रही है। प्रदर्शन का नेतृृत्व करने वाली समाजसेवी सविता शर्मा ने बताया कि अथॉरिटी अफसर और ठेकेदार की मिलीभगत से घपला हुआ है। सैलरी, ईएसआई, पीएफ घोटाले की अफसरों को पूरी जानकारी थी, साथ ही अफसरों भी कमिशन वसूल कर चुप्पी साधे हुए थे।