आज के समय में बढ़ती प्रदूषण के कारण ज्यादातर पक्षी धीरे- धीरे विलुप्त हो रहे है। पहले जहां हर घर में गौरैया अपना डेरा डाली रहती थी, आज के समय में वहीं गौरैया कहीं देखने को नहीं मिल रही है। इसी प्रकार ऐसे कई पक्षी हैं, जो पहले के मुकाबले अब कम नजर आ रहे है। ऐसे में पक्षी प्रेमी इन्हे देखने के लिए तरह- तरह के विकल्प निकाल रहे हैं
आज हम आपको औरंगाबाद (Aurangabad) की एक ऐसे ही पक्षी प्रेमी राधिका सोनवणे (Radhika Sonawane) से रूबरू कराने वाले हैं, जिन्हे पक्षी बचपन से हीं पसंद थे और वर्तमान समय में वे पक्षियों को अपने घर में बुलाने के लिए हॉल की बालकनी और किचन बालकनी दोनो में फीडर लगाए हैं, जहाँ पक्षियों के लिए खाना और पानी सभी चीजें उपलब्ध होती है।
लॉकडाउन में समझा पक्षियों को ज्यादा करीब से
राधिका (Radhika Sonawane) बताती हैं कि, जब वे शुरू में अपार्टमेंट में रहने आई थी तो सबसे पहले उनकी मुलाकात यहां पर रहने वाली स्मिता आंटी से हीं हुई थी और उन्होंने अपने घर में कई बर्ड फीडर लगाए हुए थे, जहां कई पक्षी आया करते थे। चूकि राधिका भी शुरू से पक्षी प्रेमी थी, जिस कारण उन्हे पक्षियों को देखना खूब भाता था। लॉकडाउन में उन्होंने काफी करीब से पक्षियों को जाना, जो उन्हे बहुत अच्छा लगा।
राधिका ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि, बारिश के बाद उनके घर पर हर दिन करीबन 60-70 तोते आते हीं हैं जिस वजह से एक दिन में एक किलो मूंगफली तोतों को खिलाने में ही खत्म हो जाती हैं। लेकिन वही गर्मियों में तोतों की आने की संख्या थोड़ी कम हो जाती है।
अब समय के साथ राधिका (Radhika Sonawane) के घर में बर्ड फीडर्स की काफी संख्या बढ़ गई है। वर्तमान समय में उनके घर पर बुलबुल, मैना, दो किस्मों के तोते, कौवे, वीवर बर्ड, चिड़िया सहित करीबन छह से सात किस्मों के पक्षी आते हैं।
बता दें कि, राधिका ने अपने घर के हॉल की बालकनी और किचन बालकनी दोनों जगहों पर फीडर लगाया हुआ हैं, जहाँ प्रत्येक पक्षियों के पसंद के खाने पीने की सभी चीजें मौजूद रहती है।
पक्षियों के पसंद के खाने के चीजों का रखा जाता है विशेष प्रकार से ध्यान
आज के समय में राधिका के घर पर सभी तरह के पक्षियों के खाने का विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्होंने बताया कि, उनके यहां तो कुछ पक्षी तो सिर्फ पानी पीने हीं आते हैं तो कुछ पक्षी उनके घर के किचन में जाकर भी कुछ खाना लेकर जाते हैं।
ऐसे में एक बार राधिका ने देखा कि बुलबुल केला खा रही है, जिसके बाद से उन्होंने केला काटकर रखना शुरू कर दिया। बाकी पक्षियों जैसे कि कौवों के लिए वे रोटी और घर का पका खाना भी रखती हैं इसके अलावें चिड़ियों के लिए चावल रखती हैं।
अब घर पर मिलता है प्राकृतिक माहौल
राधिका (Radhika Sonawane) ने बताया कि, लोगों ने बताता कि जहां पौधे ज्यादा होते हैं, वहां पक्षी ज्यादा डेरा लगाते हैं इसलिए हमने भी अपने घर पर धीरे- धीरे करके ज्यादा पौधा लगा दिया है, जिसके कारण अब हमारे यहां पक्षियों को प्राकृतिक माहौल मिलता है साथ हीं हमे भी प्राकृतिक सुकून मिलता है। इसके अलावे हमने पक्षियों को और भी ज्यादा प्राकृतिक माहौल देने के लिए एक सूखा गार्डेन भी सजाया है, जहां हरियाली के कारण हमारे घर की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ गई है।