nti-news-abhishek-rungta-who-started- Indus Net Technologies,

इस युवा ने कैसे बनाई 55 करोड़ सालाना टर्नओवर वाली कंपनी

17 साल की उम्र में ही उनके पिता ने उन्हें कंप्यूटर लाकर दे दिया था, जिसके साथ वे घंटों बिताते थे। स्कूल खत्म होने के बाद वे कोलकाता के सेंट जेवियर्स स्कूल में बी.कॉम करने गए, जहां उनकी क्लास सुबह 6 बजे से साढ़े नौ बजे तक चलती थी। उसके बाद अभिषेक के पास पूरा दिन खाली पड़ा रहता था। उस खाली समय से ही अभिषेक ने शुरू की थी मासिक तौर पर 2250 रुपये की नौकरी।

आज से ठीक 20 साल पहले एक युवा जिसकी जेब में सिर्फ 50 रुपये हुआ करते थे, आज 55 करोड़ सालाना टर्नओवर वाली कंपनी का मालिक बन गया है। इंडस नेट टेक्नोलॉजी के सीईओ अभिषेक रुंगता की कहानी बेहद दिलचस्प है। 1997 के आस-पास, जब भारत में कंप्यूटर की शुरुआत हुई ही थी उसी वक्त अभिषेक का आकर्षण कंप्यूटर की तरफ बढ़ने लगा। उसी जुनून की बदौलत आज वे सफल जिंदगी जी रहे हैं। उनकी कंपनी में 700 से ज्यादा लोग काम करते हैं और सैकड़ों बड़ी-बड़ी कंपनियां उनकी क्लाइंट हैं।

अपने दोस्त की सलाह मानकर अभिषेक रुंगता ने एक फर्म में डायरेक्ट सेल्स एजेंट के तौर पर जॉब शुरू की थी। उन्हें सिटीबैंक के लोन सेल करने का काम मिला और इसके लिए उन्हें हर महीने लगभग 2,250 रुपये मिलते थे। लेकिन किसी को क्या पता था, कि 2,250 रुपये की नौकरी करते-करते ये शख्स 55 करोड़ की कंपनी खड़ी कर लेगा।

39 साल के अभिषेक रुंगता का जन्म एक मिडिल क्लास मारवाड़ी फैमिली में हुआ था। उनके पिता जूट का बिजनेस करते थे। शायद पिता से ही उनके अंदर बिजनेस करने का आइडिया पनपा। काफी कम उम्र में ही वे अकाउंट, मैनेजमेंट और कस्टमर और बिजनेस की रोजमर्रा समस्याओं के बारे में रूबरू हो गए थे। 17 साल की उम्र में ही उनके पिता ने उन्हें कंप्यूटर लाकर दे दिया था, जिसके साथ वे घंटों बिताते थे। स्कूल खत्म होने के बाद वे कोलकाता के सेंट जेवियर्स स्कूल में बी.कॉम करने गए, जहां उनकी क्लास सुबह 6 बजे से साढ़े नौ बजे तक चलती थी। उसके बाद अभिषेक के पास पूरा दिन खाली पड़ा रहता था। उनके एक दोस्त ने उन्हें सलाह दी कि क्यों न इस खाली समय का उपयोग करके कोई जॉब कर ली जाए। इससे नया एक्सपीरियंस भी मिलेगा और जो पैसे मिलेंगे, सो अलग।

1997 का साल उनकी जिंदगी में टर्निंग पॉइंट रहा। इसी साल वह एक गंभीर हादसे का शिकार हो गए और डॉक्टर ने उन्हें बिस्तर पर आराम करने की सलाह दे दी। उन्हें इस वजह से नौकरी भी छोड़नी पड़ी। घर में रहकर वे फिर से अपने कंप्यूटर के साथ समय गुजारने लगे।

दोस्त की सलाह मानकर अभिषेक ने एक फर्म में डायरेक्ट सेल्स एजेंट के तौर पर जॉब शुरू कर दी। उन्हें सिटीबैंक के लोन सेल करने का काम मिला और इसके लिए उन्हें हर महीने लगभग 2,250 रुपये मिलते थे। अभिषेक बताते हैं कि उस अनुभव ने उन्हें आगे बिजनेस खड़ा करने में काफी मदद की। उन्हें सेल्स की अच्छी जानकारी हो गई। 1997 का साल उनकी जिंदगी में टर्निंग पॉइंट रहा। इसी साल वह एक गंभीर हादसे का शिकार हो गए और डॉक्टर ने उन्हें बिस्तर पर आराम करने की सलाह दे दी। उन्हें इस वजह से नौकरी भी छोड़नी पड़ी। घर में रहकर वे फिर से अपने कंप्यूटर के साथ समय गुजारने लगे। अभिषेक बताते हैं, कि उस दौरान उन्होंने काफी कुछ सीखा। जैसे प्रोग्रामिंग और डिजाइनिंग। उसी साल उन्हें एक एनिमेशन वीडियो बनाने का मौका मिला। उस वक्त एडिनबर्ग के शासक भारत दौरे पर आए थे उन्होंने अभिषेक के काम की काफी तारीफ की।

उन्हें काम शुरू करने के लिए एक एग्जिबिशन में स्टाल लगाना था और स्टाल के लिए 6,000 रुपयों की जरूरत थी, लेकिन उनकी जेब में उस वक्त सिर्फ 3,000 रुपये थे। उन्होंने अपने एक दोस्त हृदय बियानी की मदद ली और वेब डिजाइनिंग और वेब होस्टिंग जैसी आईटी सर्विस के लिए स्टाल लगा दिया। स्टाल लगाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी का नाम सोचना शुरू कर दिया। वह रोज जिस रेस्टोरेंट पर खाने जाते थे उसका नाम था इंडस वैली। उन्होंने उस रेस्टोरेंट से उसका नाम उधार लिया और अपनी कंपनी का नाम रख दिया, ‘इंडस इंटरनेट टेक्नोलॉजी’।

तारीफ मिलने के बाद अभिषेक का उत्साह दुगना हो गया और उन्होंने अपना खुद का कुछ करने का फैसला कर लिया। उस वक्त वेब डिजाइनिंग का काम काफी नया था। उन्हें काम शुरू करने के लिए एक एग्जिबिशन में स्टाल लगाना था और स्टाल के लिए 6,000 रुपयोंकी जरूरत थी, लेकिन उनकी जेब में उस वक्त सिर्फ 3,000 रुपये थे। उन्होंने अपने एक दोस्त हृदय बियानी की मदद ली और वेब डिजाइनिंग और वेब होस्टिंग जैसी आईटी सर्विस के लिए स्टाल लगा दिया। स्टाल लगाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी का नाम सोचना शुरू कर दिया। वह रोज जिस रेस्टोरेंट पर खाने जाते थे उसका नाम था इंडस वैली। उन्होंने उस रेस्टोरेंट से उसका नाम उधार लिया और अपनी कंपनी का नाम रख दिया, ‘इंडस इंटरनेट टेक्नोलॉजी‘।

संयोग से एग्जिबिशन में ही अभिषेक को वेब डिजाइनिंग और वेब होस्टिंग के चार ऑर्डर मिल गए। उस वक्त इस काम के लिए गिनी चुनी कंपनी ही हुआ करती थीं। इसलिए अभिषेक के पास ग्रोथ का अच्छा खासा मैदान खाली पड़ा था। उन्होने 1997 में ही 22,000 रुपयेजुटाकर वेब होस्टिंग का स्पेस ले लिया। स्पेस लेने के बाद उन्हें मालूम चला कि U.S. में इसका दाम सिर्फ 6,000 के आस पास है। उन्होंने अमेरिका से होस्टिंग खरीदकरों को भारत में बेचना शुरू कर दिया। इससे उन्हें अच्छा-खासा फायदा होने लगा और उनकी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई।

नॉर्थ कोलकाता के क्लाइव रो में अपने पिता के 600 स्कॉवयर फीट के ऑफिस में काम शुरू करने वाले अभिषेक की कंपनी 1998 में देश की सबसे बड़ी वेब होस्टिंग कंपनियों में शुमार हो गई और टर्नओवर भी 10 लाख के करीब हो गया।

यह सब तब हो रहा था जब वे अपना ग्रेजुएशन पूरा कर रहे थे। 1999 में ग्रैजुएशन खत्म करने के बाद उन्होंने लंदन से मल्टीमीडिया टेक्नॉलजी में मास्टर्स करने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपना सारा काम अपनी छोटी बहन अंकिता (जो उस वक्त सिर्फ 18 साल की थी) को सौंप दिया। अंकिता ने अपने भाई के साथ रहकर सारी बिजनेस स्किल सीख ली थीं, इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत भी नहीं आई।

लंदन में पढ़ाई खत्म करने के बाद अभिषेक को नौकरी के काफी अच्छे-अच्छे ऑफर्स मिले लेकिन उनका ध्यान अपने बिजनेस पर ही था और वे वापस अपने देश इंडिया लौट आए।

वर्ष 2000 में वैश्विक मंदी की वजह से उनका सारा काम ठप हो गया। अब वे सोचने लगे कि शायद नौकरी जॉइन ही कर लेते, तो अच्छा होता। इस बीच अभिषेक ने फिर से इंटरनेट पर समय बिताना शुरू कर दिया। वे एक विदेशी कंपनी के संपर्क में आए जिसे वेब डिजाइनिंग और प्रोग्रामिग वाले लोगों की जरूरत थी। इसके बाद अभिषेक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे लगातार काम में लगे रहे और 2008 में अपने बिजनेस को 13 करोड़ सालाना टर्नओवर में तब्दील कर दिया। उस वक्त उनके पास छोटी-छोटी 3,000 कंपनियो के काम थे और देश विदेश मिलाकर लगभग 300 एंप्लॉईज़ उनके साथ काम करते थे।

लेकिन जल्द ही उन्हें एक बड़ा झटका लगा और 2012 में उनकी कंपनी को पांच करोड़ का नुकसान हुआ। उनकी कंपनी के तमाम कर्मचारी दूसरी कंपनी में जाने लगे। इसके बाद अभिषेक ने सीधे बड़ी कंपनियों और एजेंसियों से डील करनी शुरू कर दी।

आज की तारीख में अभिषेक रुंगता फेविकोल से लेकर LG, रेनॉ, एसबीआई, यूनिलीवर, सिप्ला, मर्सिडीज जैसी कंपनियों के लिए काम करते हैं। 50 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक अभिषेक अपनी मेहनत पर गर्व करते हैं और पॉजिटिव सोचने में यकीन रखते हैं।

 

About न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

News Trust of India न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

ăn dặm kiểu NhậtResponsive WordPress Themenhà cấp 4 nông thônthời trang trẻ emgiày cao gótshop giày nữdownload wordpress pluginsmẫu biệt thự đẹpepichouseáo sơ mi nữhouse beautiful