उधर, मरीज जो ये सोचकर अस्पताल आते है कि यहां सभी सुविधायें मौजूद हैं, इस भीषण गर्मी में ठीक होना तो दूर और बीमार हो रहे हैं क्योंकि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लगाए गए दीवार वाले पंखे तक नहीं चल रहे हैं। इस सब पर अस्पताल के जिम्मेदार प्रिंसिपल ये कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे है कि ये सब उनके आने से पहले हुआ और अब इन एसी को ठीक कराने का प्रस्ताव अस्पताल के सीएमएस उन्हें बनाकर भेजते हैं तो इन्हे ठीक कराया जायेगा और इन्हे लगाने वाली कार्यदायी संस्था को सर्विस प्लांट बनाने के लिए कहा जायेगा।
वहीं, अस्पताल परिसर में लाखों रुपए की लागत का बायो मेडिकल वेस्ट डिस्मेंटल प्लांट भी धूल फांक रहा है। इस प्लांट से आजतक कोई काम नहीं लिया गया, यहां तक कि इसे चलाने की जानकारी अस्पताल के स्टाफ को है ही नहीं और अब ये केवल शो पीस बनकर ही रह गया है।
इस गड़बड़ झाले पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि ये सब गड़बड़ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई है। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार में लिप्त यूपी निर्माण निगम को ये काम देकर प्रदेश की साख को भी बट्टा लगा दिया और अब मुख्यमंत्री को इस घोटाले से अवगत कराकर इसकी जांच करायी जाएगी और जो भी इसके लिए दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।