कन्फर्म टिकट के बावजूद एयरलाइंस में हवाई सफर नहीं

नई दिल्ली. प्लेन कन्फर्म टिकट होने के बाद भी जरूरी नहीं कि आप सफर कर ही पाएं। क्योंकि ओवर बुकिंग के कारण कन्फर्म टिकट के बावजूद एयरलाइंस कंपनियां हर दिन करीब 100 लोगों को एयरक्राफ्ट में नहीं चढ़ने देतीं। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न एयरलाइंस ने 2 महीने में 5,586 पैसेंजर्स को बोर्डिंग करने से रोका। इनमें से 5,037 केस तो अकेले जेट एयरवेज के ही हैं।
– आखिरी मौके पर बोर्डिंग से इनकार करने के चलते एयरलाइंस को पैसेंजर्स को 15.62 करोड़ रुपए मुआवजा भी देना पड़ा। साथ ही डीजीसीए के नियमों के अनुसार रिफंड, दूसरी फ्लाइट में रीबुकिंग और होटल में ठहरने जैसी फैसिलिटीज भी देनी पड़ीं।
बचने का तरीका: तय समय से पहले चेक इन काउंटर पर रिपोर्ट करें
– एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर एयरलाइंस ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की पॉलिसी पर पैसेंजर्स को बोर्डिंग पास जारी करती हैं।
– ओवर बुकिंग की स्थिति में अंतिम समय पर पहुंचे पैसेंजर्स को बोर्डिंग देने से इनकार कर दिया जाता है। ऐेसी स्थिति से बचने के लिए यात्री तय समय से पहले एयरपोर्ट पर एयरलाइंस के चेकइन काउंटर पर रिपोर्ट करें।
एयरलाइंस का लालच: बुकिंग कैंसल होने पर सीटें खाली रहें
– ज्यादा मुनाफे के चक्कर में एयरलाइंस एक भी सीट खाली नहीं रखना चाहती।
– कैंसल होने वाली टिकटों के सबके अपने-अपने गणित हैं। इसके आधार पर सीटों से ज्यादा टिकटें बुक कर लेते हैं। इसे ओवर बुकिंग कहते हैं।
– कई बार टिकटें कैंसल नहीं होती और सारे पैसेंजर्स पहुंच जाते हैं। ऐसे में ऐन मौके पर कुछ यात्रियों को बोर्डिंग नहीं दी जाती।
जेट एयरवेज को देना पड़ा सबसे ज्यादा 15.37 करोड़ मुआवजा
एयरलाइंस रोके गए पैसेंजर्स मुआवजा
जेट एयरवेज 5037 15.37 करोड़
एअर इंडिया 495 22.57 लाख
स्पाइस जेट 22 1.59 लाख
एयर एशिया 32 1.13 लाख
(जनवरी-फरवरी, 2017 के डीजीसीए के आंकड़े)

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