यही नहीं रॉयल्टी के अपडेट न होने से 477.93 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। खनन पर कैग रिपोर्ट के अनुसार बगैर पर्यावरण की मंजूरी के खनन किये जाने की पुख्ता बात की गई है। इसके तहत तय सीमा से ज्यादा खनन किया गया है। साथ ही 40 पट्टा धारकों ने वृक्षारोपण ही नहीं किया है।
अवैध खनन करने वालों पर किया गया जुर्माना भी नहीं वसूला गया है। जिसका नतीजा है कि जुर्माना राशि 179.57 करोड़ रुपये पूर्व सरकार की ओर से वसूल न किये की अनियमितता उजागर हुई है। इसके अलावा रिपोर्ट में 58 पट्टा धारकों के मामले में खनन करने एवं अनुमोदन की उपेक्षा की गई है। यह भी कहा गया है कि खनन नियमों में कोई नियंत्रण नही था। दुर्लभ संसाधनों की अनुमति दी गई। अनुमोदन न होने से सरकार का 282.22करोड़ का नुकसान हो गया है।
इसके बाद जब मामले की जांच की गई तब खनन विभाग के तथ्यों की विरुद्ध जांच नहीं की गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया 477.93 करोड़ रुपये की राजस्व की हानि हुई है। कैग रिपोर्ट से एक बार अखिलेश सरकार के हर विभाग में वित्तीय अनियमितता उजागर कर सूबे में हड़कंप मचा दिया है।