यही नहीं 1200 करोड़ रूपये के टेंडर के जरिये गोलमाल किये जाने में अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री का नाम भी सामने आ रहा है। डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि पूर्व मंत्री के भाई ने ही कंपनी डायरेक्टर के फर्जी दस्तावेज लगाकर फर्जीवाड़ा किया है। इसके आलावा लोक निर्माण विभाग में आगरा और आजमगढ़ जोन में घोटाले का खेल खूब खेला गया है। जिसमे आगरा, मथुरा, आजमगढ़, जौनपुर जिले में नियमों को ताक पर रख नई कंपनी को टेंडर दिये गये।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जिस कम्पनी को टेंडर दिये गये थे उसके बारे में बताया जा रहा है कि उसका रजिस्ट्रेशन सितंबर 2016 में ही हुआ था, जबकि एक महीने बाद ही 26 अक्टूबर 2016 को उसे पीडब्लूडी में टेंडर के लिए रजिस्टर्ड कर लिया गया था। आरोप लगाया कि तीन महीने बाद ही उक्त कम्पनी को करोड़ों के टेंडर मिल गये थे। ये सारा खेल सत्ता के रसूख पर खेला गया। इसका परिणाम यह है कि 30 दिसंबर तक कंपनी ने 1190 करोड़ के टेंडर पाने का रिकार्ड बना दिया। बता दें कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभाग का कामकाज संभालने के बाद जांच करवाई तो पूर्ववर्ती सरकार का कारनामा सामने आया है।