nti-news-scam-in-pwd-uttarakhand

रोड़ मरम्मत के नाम पर PWD में करोडो का घोटाला

देहरादून: लोक निर्माण विभाग देहरादून में सड़क के रि-डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रूपये खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है। दून-मसूरी मार्ग को वाल्वो बसों के लिए दुरूस्त करने के लिए 14 करोड़ का बजट ठिकाने लगाया गया, स्वीकृत राशि में यह काम पूरा नहीं हो सका। जनवरी 2015 को स्वीकृत कार्य करीब ढ़ाई साल बात भी जस का तस पड़ा हुआ है। हालत यह है कि फरवरी 2016 में काम पूरा न होने के बाद संबंधित ठेकेदार को करीब पौने 11 करोड़ रूपये भुगतान कर दिए गए।

मामला तब कैग ने पकड़ में आया कैग ने लोनिवि द्वारा इस काम के लिए लगभग 44 करोड़ का रि-एस्टेमेट स्वीकृत कराया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रस्तावित बजट कैसे तीन गुने से अधिक चला गया। इससे लोनिवि अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि देहरादून-मसूरी रोड पर यात्रियों की सुविधा के लिए वॉल्वो बसें चलाने के लिए सरकार ने
प्रस्ताव स्वीकृत किया, लेकिन परिवहन निगम ने सड़क को वाल्वो बसों के अनुरूप नही पाया। इसके लिए सड़क पर हेयर क्लिप बैंड व अंधे मोड़ों को दुरुस्त करने की बात कही गई, तो सरकार ने लोनिवि को इसका जिम्मा सौंपा।

लोनिवि ने मार्ग ठीक करने के लिए करीब 14.75 करोड़ का एस्टीमेट बनाया, जिसके बाद बजट स्वीकृत कर दिया गया। लोनिवि ने पूरा बजट खत्म कर दिया, लेकिन कार्य एक चौथाई भी पूरा नहीं है। अब फिर से इस काम को पूरा करने के लिए विभाग ने कुल 44.72 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। भारत के महानियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट
में लोनिवि के इस काम पर सवाल उठाए गए हैं। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार भी ठहराया है।

कैग रिपोर्ट के अनुसार दून-मसूरी रोड के नौ हेयर क्लिप बैंड व कुछ अंधे मोड़ों को चार मीटर तक चौड़ा करने के लिए 10.32 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया था। अभिलेखों की जांच में पाया गया कि कार्य का एस्टीमेट बनाने से पहले लोनिवि को उत्तराखंड परिवहन निगम व क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करना था। जबकि
अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण के बिना ही कार्य का एस्टीमेट प्रस्तुत कर दिया।

दिलचस्प बात यह है कि स्वीकृत कार्य के सापेक्ष ठेकेदार को 18 कार्य करने थे, लेकिन महज आठ कार्य ही पूरे किए। इससी भी गंभीर सवाल यह है कि अधिकारियों ने ठेकेदार को अनुबंध की राशि से 36 लाख रुपये अधिक भुगतान कर काम को समाप्त बता दिया। इस दरम्यान लोनिवि ने शासन को 37.90 करोड़ रुपये का नया एस्टीमेट बनाकर भेज दिया। हालांकि शासन
ने इसे स्थगित रखते हुए शेष कार्यों को पूरा करने के लिए 4.85 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए।

यह कार्य चार ठेकेदारों के माध्यम से कराया गया। इस दौरान लोनिवि ने उत्तराखंड परिवहन निगम अधिकारियों की मौजूदगी में वॉल्वो बसों का ट्रायल के रूप में संचालन कराया तो पता चला कि मार्ग अभी भी वॉल्वो बसों के लिए उपयुक्त नहीं है। वाल्वो बस के ट्रायल के बाद पता चला है कि लगभग 38 और स्थलों पर चौड़ीकरण की जरूरत है।

इस पर कैग के जवाब-तलब करने पर अधिकारियों ने बताया कि अब इस काम की लागत बढ़कर 44.72 करोड़ रुपये हो गई है। इसका एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है और यह राशि मिल जाने के बाद मार्ग को वॉल्वो के संचालन लायक बना दिया जाएगा। इस उत्तर को अमान्य बताते हुए कैग ने कहा कि यदि समय पर उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन कर लिया
जाता तो उद्देश्य को न सिर्फ समय पर प्राप्त कर लिया जाता और लागत वृद्धि से भी बचा जा सकता था।

देहरादून-मसूरी मार्ग पर वाल्वो के संचालन के लिए अभी सड़क ठीक ढंग से नहीं बनी है। सड़क पर हेयर क्लिप बैंड और अंधे मोड़ों पर अभी बहुत काम बाकी है। पूर्व में जो खामियां बरती गईं, उन्हें दूर कराया जा रहा है। इसके चलते जो लागत बढ़ी है, उसके पीछे कई तकनीक पहलू भी हैं। यह कार्य विभागीय दरों से काफी कम दरों पर कराया गया। मार्ग को कैसे वाल्वो के
लिए जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाएगा, इस दिशा में काम किया जा रहा है।

एचके उप्रेती, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग

About न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

News Trust of India न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

ăn dặm kiểu NhậtResponsive WordPress Themenhà cấp 4 nông thônthời trang trẻ emgiày cao gótshop giày nữdownload wordpress pluginsmẫu biệt thự đẹpepichouseáo sơ mi nữhouse beautiful