बिहार टॉपर घोटाले में एक नया खुलासा सामने आया है। पटना एसएसपी ने शनिवार को कहा कि गणेश कुमार झारखंड के 15 लाख रुपये के फ्रॉड मामले में भी शामिल था। गणेश कुमार ने इस साल बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) में 12वीं में आर्ट्स साइड से टॉप किया था। बाद में मीडिया चैनलों ने जब उससे बात की तो वह कुछ बेसिक सवालों के जवाब भी नहीं दे पाया था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए उसका रिजल्ट रद्द कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पटना के एसएसपी मनु महाराज ने गणेश से पूछताछ के बाद कहा कि आर्ट्स ”टॉपर” कोलकाता की चिट फंड कंपनी के 15 लाख रुपये गबन करने का दोषी था। उन्होंने बताया कि वह झारखंड के गिरीदीह में एक चिट फंड कंपनी का कर्मचारी था। उन्होंने बताया कि साल 2013 में वह पटना से भाग गया था, क्योंकि लोग उस पर चिट फंड कंपनी की ओर से लिए गए पैसे वापस देने का दबाव बनाने लगे थे। गणेश के हवाले से एसएसपी ने बताया कि उसने सरकारी नौकरी पाने के लिए अपनी उम्र 18 साल कम करवाई थी।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक गणेश ने एसएसपी को यह भी बताया कि वह पटना के कुछ लोगों से संपर्क में था, जिन्होंने समस्तीपुर के संजय गांधी हाई स्कूल की दसवीं कक्षा में उसका दाखिला कराने में मदद की थी। बाद में उसे उसे राम नंदन सिंह जगदीप नारायण कॉलेज में दाखिला मिल गया, जहां से उसने 12वीं में टॉप किया। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि हम गणेश के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए गिरीदीह पुलिस से बातचीत करेंगे। पुलिस उन स्कूलों की भी जांच करेगी, जहां से गणेश ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं दी हैं।
गणेश ने दावा किया कि उसने 12वीं की परीक्षाओं के लिए पढ़ाई की थी और किसी को भी टॉप कराने के लिए पैसे नहीं दिए थे। गौरतलब है कि गणेश को आईपीसी की धारा 417 , 418, 419, 420, 466, 468, 208, 201, और 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। 2 जून को बीएसईबी के सेक्शन अफसर बिपिन कुमार सिंह ने गणेश के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी।