राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अब स्वीकार कर लिया है कि उनके मंत्री पुत्र वास्तव में पटना की उस जमीन के मालिक हैं जिस पर एक मॉल बन रहा है. सुशील कुमार मोदी बिहार के भाजपा नेता यादव और उनके परिवार पर हमलावर रहे हैं. मोदी लम्बे समय से अभी तक लालू और उनके परिवार पर निशाना साधते रहे हैं. इसी क्रम में अब उन्होंने लालू की पुत्री चंदा को कटघरे में ला खड़ा किया है. मोदी के अनुसार चंदा ने अपनी कॉरपोरेट फाइलिंग में वर्ष 2014 में पटना स्थित मुख्यमंत्री के घर के पते का इस्तेमाल किया है. उनकी मां राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री न रहने और सीएम आवास खाली कर देने के बाद भी वह पते के रूप में सीएम रेजीडेन्स के पते का इस्तेमाल करती रही हैं. मोदी का दावा है कि वर्ष 2014 में चंदा को डिलाइट मार्केटिंग कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक भी बनाया गया था. यह कम्पनी बाद में लारा प्रोजेक्ट्स बन गई. यह कम्पनी रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज में सूचीबद्ध है. इसके निदेशकों में रागिनी लालू, तेजस्वी प्रसाद यादव, तेज प्रताप और चंदा यादव सूचीबद्ध हैं.
लालू ने इसी 9 अप्रैल को कहा कि उनके परिवार ने कभी कुछ गलत नहीं किया है. अपने इस दावे के समर्थन में वह भूमि सौदे को लेकर लग रहे भ्रष्टाचार के संदेह को दूर कर सकने वाला कोई भी सबूत पेश नहीं कर सके. भाजपा ने जद (यू) के लगभग दशक पुराने आरोपों को एक बार फिर से जीवित कर कर दिया है कि लालू यादव ने रेल मंत्री के रूप में पटना में एक व्यापारिक घराने से नाममात्र के पैसे में दो भूखंड लिए थे और फिर रेलवे के दो होटलों को चलाने के लिए उस जमीन को लीज पर देकर कम्पनी का समर्थन किया था.
मोदी ने यह भी आरोप लगाया है कि लालू यादव के दोनों पुत्रों तेजस्वी और तेज प्रताप ने अपने चुनावी शपथपत्र में इस जमीन के मालिकाना हक का खुलासा नहीं किया और न ही मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले वार्षिक घोषणापत्र में यह बात दर्शायी है. हालांकि चुनावी शपथपत्र और मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले घोषणापत्र में वह कॉलम ही नहीं हैं जहां कॉरपोरेट फाइलिंग को लिखा जा सके. दोनों मंत्रियों के घोषणापत्रों में 2015 से 2016 तक उनके शेयरहोल्डिंग-वैल्यू में भी कोई बदलाव नहीं देखा गया है.
कई कम्पनियां
लालू ने उन दावों से इनकार किया है कि उनकी पुत्रियां-चंदा और रागिनी उस फर्म में निदेशक भी थीं. तथ्य तो यह है कि चंदा यादव, रागिनी लालू और उनकी तीसरी पुत्री मीसा भारती एक अन्य कम्पनी में निदेशक/ हस्ताक्षरकर्ता हैं. इस कम्पनी का नाम उसी कम्पनी से मिलता-जुलता है- कम्पनी का नाम है- लारा डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रा. लिमिटेड.
लिहाज़ा, लालू एंड कम्पनी 6 यादव परिवार के सदस्यों का कम से कम 6 कम्पनियों से सम्बंध है. इन लोगों के नाम विभिन्न पदों के साथ लिखे हुए हैं. इन कम्पनियों का विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार है-निर्माण से लेकर आईटी तक और पैकर्स एंड प्रिन्टर्स से लेकर होटल्स और रिसोर्ट तक. ये कम्पनियां कई राज्यों में फैली हुई हैं. इनमें से कुछ दिल्ली में, कुछ पटना में और कुछ अन्य कोलकाता में पंजीकृत हैं. एक अन्य कम्पनी का पता है-लालूजी की गौशाला- पटना.
कंपनियां
कम्पनी निदेशक/हस्ताक्षरकर्ता
लारा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड——–राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव
शिवोह्म एंटरटेनमेन्ट प्रा. लि.——तेज प्रताप, कुमार प्रिय रंजन, छोटू छलिया
फेयरग्रो होल्डिंग्स प्रा. लि.——चंदा यादव, रागिनी लालू
ए बी एक्सपोर्ट्स प्रा. लि. ——चंदा यादव, रागिनी लालू
सनराइज आईटी इन्फ्रासॉफ्ट प्रा. लि.—–चंदा यादव, रागिनी लालू
लारा डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रा. लि. ——चंदा यादव, रागिनी लालू, राबड़ी देवी, भारती मीसा
मिशैल पैकर्स एंड प्रिन्टर्स प्रा. लि.—–भारती मीसा, शैलेष कुमार (मीसा के पति)
एगिश डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रा. लि.——-भारती मीसा और शैलेष कुमार
केएचके होल्डिंग्स प्रा. लि.——–भारती मीसा और शैलेष कुमार
रॉयल ट्यूलिप होटल्स एंड रिसोर्ट्स प्रा. लि.——-शैलेष कुमार, सुभाष गोयल और रंजन कुमार
मोदी ने यह भी आरोप लगाया है कि यादव परिवार बेनामी सम्पत्तियां बना रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निष्पक्ष जांच कराने का आदेश देना चाहिए. नीतिश कुमार इन आरोपों पर अभी भी चुप हैं. यह देखा जाना जरूरी है कि क्या जद (यू) मोदी के कथित विरोध का जवाब देगा.