रामनगर । सरकार भ्रष्टाचार उन्मूलन के चाहे कितने भी दावे क्यों न कर ले, निर्माण कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही के आगोश में आ ही जाते हैं। ताजा उदाहरण रामनगर ब्लॉक के क्यारी गांव में खिचड़ी नदी पर बने पुल से जुड़ा है। करीब दो करोड़ की लागत से बना यह पुल निर्माण के कुछ माह बाद ही अंतिम सांसें ले रहा है। यह हाल तब है जब पुल से वाहनों की आवाजाही ही शुरू नहीं हो सकी है। नैनीताल के डीएम ने पुल की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिये हैं।
क्यारी गांव में बहने वाली खिचड़ी नदी बरसात के समय उग्र रूप धारण कर लेती है। इससे गांव के परिवारों का रामनगर से संपर्क टूट जाता है। नदी के उफान से प्रभावित ग्रामीणों की मांग पर तत्कालीन भाजपा शासन में नदी पर पुल बनने की द्घोषणा की गयी। इसके लिए दो करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी। निर्माण कार्य का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया। कार्य २०१३ में प्रारंभ हो कर २०१६ में पूरा हुआ। पुल में अभी तक यातायात प्रारंभ नहीं हो सका। लेकिन इसकी हालत जर्जर है। भ्रष्टाचार के इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नैनीताल जिले के डीएम दीपक रावत एक निजी कार्यक्रम में क्यारी गांव पहुंचे थे। जब वे नव निर्मित पुल में पहुंचे तो उनको पुल का दूसरा छोर नजर नहीं आया। इस पर उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिये। बीते दिनों सीडीओ प्रकाश चंद्र जांच करने पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए विभाग व ठेकेदार पर कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि दोषियों को सजा नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए लामबंद होंगे। जहां अधूरे पुल के एक सिरे पर खड़ी दीवार पर बहुत बड़ी दरार नजर आयी। पुल में बहुत सी जगह पलस्तर में खोखल होने के कारण आवाज भी आ रही थी। इससे पुल में प्रयोग की गई सामग्री के गुणवत्ताहीन होने का पता चलता है। ऐसे में यदि बरसात के दिनों में खिचड़ी नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया तो पुल का ढहना तय है। अब देखने वाली बात होगी कि भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का वादा करने वाली भाजपा की नई सरकार इस विषय में क्या संज्ञान लेती है।
खिचड़ी नदी पर दो करोड़ की लागत से बने पुल की गुणवत्ता अब सवालों के द्घेरे में है। जिसकी जांच चल रही है],लेकिन विभाग द्वारा ठेकेदार को पूरा भुगतान कर दिया गया है। इससे अब विभाग पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। लेकिन विभाग उसमें इंजीनियरिंग वर्क सही होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ठेकेदार को भुगतान किया गया था। अब इसे पवलगढ़ तक जोड़ने की बात हो रही है] मगर उसकी स्वीकूति नहीं मिल पाई है। स्वीकृति मिलने के बाद ही निर्माण प्रारंभ होगा।
मीना भट्ट, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, रामनगर