पंजाब में कैप्टेन अमरिंदर सिंह की सरकार सत्ता में आते ही विवादों से घिर गई है। उनके एक मंत्री खनन घोटाले में फंसे हैं। उनके ड्राइवर के नाम से खान आवंटित होने का घोटाला सामने आया है। लेकिन उससे ज्यादा मुश्किल में परिवार में कई सत्ता केंद्र बनने से आ सकती है। बताया जा रहा है कि कैप्टेन के परिवार के सक्रिय राजनीतिक सदस्य अलग अलग सत्ता केंद्र के तौर पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री की पत्नी परनीत कौर केंद्र सरकार में मंत्री रही हैं। सो, उनका एक बड़ा आधार है और लोग अब भी उनके संपर्क में हैं। कैप्टेन के बेटे रणिंदर सिंह भी पटियाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वे चुनाव जीते नहीं, लेकिन उनका अलग राजनीतिक दरबार है। इस तरह राजनीतिक रूप से सक्रिय दो लोग मुख्यमंत्री से अलग सत्ता केंद्र के रूप में देखे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के अधिकारी अच्छी पोस्टिंग के लिए इन दोनों के दरबार में भी जा रहे हैं। कैप्टेन अमरिंदर सिंह की धमक ऐसी है कि उनके मंत्री भी उनसे कामकाज के नहीं कह सकते हैं। ऐसे में पत्नी और बेटे पर सबकी नजर है।
इन दो के अलावा एक अघोषित सत्ता केंद्र कैप्टेन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्त अरुषा आलम हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में उनको बुला कर उनके साथ अपने संबंधों की अहमियत का संकेत दे दिया था। पहले उन्हें लेकर परिवार में तनातनी रहती थी, लेकिन अब सबने इसे स्वीकार कर लिया है। कहा जा रहा है कि कई लोग उनके पास भी दरबार में जा रहे हैं। कुछ अधिकारियों ने भी उनके दरबार में हाजिरी लगाई है।