उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के निशाने पर आये गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। शासन ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के निशाने पर आये गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। शासन ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व में इस परियोजना में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने परियोजना से जुडी फाइलें भी तलब की थीं। अब सीबीआई जांच की संस्तुति के बाद अनुमान लगाया रहा है कि परियोजना में हुई धांधली खुलकर सामने आएगी।
अब तक मात्र एक एई हुआ है सस्पेंड
अब तक के आंकलन में सामने आया है कि लगभग 1600 करोड़ रूपये के लेनदेन में अनियमितता बरती गई। इस मामले में दो दिन पूर्व सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्रवाई करते हुए एई अनिल यादव को सस्पेंड किया था। हालाँकि तब ही आशंका जताई जा रही थी कि मामले में बड़ी कार्रवाई अभी लंबित है क्योकि इतने बड़े घोटाले में जानकर बड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे थे।
सीबीआई जांच से मचेगा हड़कंप
सीबीआई जांच के बाद सियासी और नौकरशाही के गलियारों में हड़कंप मच गया है। अनुमान है कि परियोजना से जुड़े बड़े अफसरों और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। जांच के ताजा आदेश के बाद आने वाले दिनों में बहुत सारे लोगों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई देंगी। सिचाई मंत्री ने भी दो दिन पूर्व कहा था कि इतना बड़ा घोटाला कोई अकेले नहीं कर सकता।