केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बीते तीन साल में देश में चल रही 393 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है। इन कंपनियों ने कथित तौर पर 2900 करोड़ रुपए की राशि का हेर-फेर किया है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल टैक्स चोरी और कालाधन सृजित करने के उद्देश्य से पैसे के हेर-फेर के लिए किया जाता है।
इन कंपनियों के जरिए टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में पैसा भेजकर उसे विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के यह जानकारी केवल इशारा भर हैं क्योंकि ये केवल उन मामलों से जुड़े हैं जिनमें SEBI धन के हेर-फेर के कानूनी साक्ष्य पाने में सक्षम रही है।
दरअसल सीबीआई ने 28 सार्वजनिक बैंकों और एक निजी बैंक से जुड़े विभिन्न लोन धोखाधड़ी मामलों की जांच के दौरान धन के हेर-फेर की इन गतिविधियों को पकड़ा। इसके साथ ही एजेंसी कम से कम 30,000 करोड़ रुपये के लगभग 200 मामलों की जांच कर रह रही है। सीबीआई इन कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य जुड़े हुए मामलों का केस चलाएगी।