बस्ती. दो साल पहले पूर्व सपा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन लघु सिंचाई मंत्री राज किशोर सह के गृह जनपद बस्ती में चेकडैम बनाने की परियोजना तैयार की गई। पर जलसंचयन के लिए चलाई गई योजना अभियंताओं और ठेकेदारों के गठजोड़ में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। यह आरोप जिले के कई भाजपा नेताओं से पूर्व की सपा सरकार पर लगाये हैं। बतादें कि रेवई, जैसी अप्रवाहशील नदी के अलावा प्रमुख नालों में पूरे साल जल की उप्लब्धता बनाए रखने के लिए वर्ष 15-16 में चेकडैम बनाने की योजना बनी थी। इसके लिए 34 स्थान चिन्हित किए गए पर इनमें से सिर्फ 26 स्थानों पर आधा अधूरा कार्य कराकर धन निकाल लिया गया।
चहेते ठेकेदारों को मिला था काम
कई लोगों ने बातचीत में कहा कि इस योजना के शुरूआत में ही गपुचुप ढंग से निविदा आमंत्रित की गई थी और चहेते ठेकेदारों में काम बांट दिया गया। परियोजना दो चरणों में पूरी की जानी थी। वर्ष 15-16 में 26 और वर्ष 16-17 में 8 चेकडैम बनाए जाने थे। पर 26 डैम कहां
बनाए गए हैं यह ढूंढने में पसीने छूट जाएंगे। गर्मी के मौसम में बढ़ते जल संकट से निबटने के लिए अप्रवाहशील नदियों और प्राकृतिक नालों पर चेकडैम बनाकर बारिश का भूगर्भ जल रीचार्ज करने के लिए संचित करना था। लोगों को लगा अब रबी की फसल के लिए जल की समस्या नहीं होगी। लेकिन यह मंशा पूरी नहीं हो पाई।
एक डैम के निर्माण में 40 से 60 लाख की लागत
अधिशासी अभियंता हरिश्चन्द्र ने बताया कि हर एक डैम निर्माण लागत 40- 60 लाख रुपये हैं। इस तरह करोड़ों रुपये पानी में चला गया। बाकी आठ करोड़ खपाने की तैयारी चल ही रही थी इस बीच सत्ता बदल गई। नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री के कड़े तेवरों को देखते हुए बचाव के लिए आनन-फानन में आठ स्थलों पर तेजी से चेकडैम बनाकर विभाग के अफ्सर खुद के बचाव की जुगत में हैं।