(नीरज त्यागी, NTI न्यूज़ ब्यूरो, UP )
लखनऊ:- माया और अखिलेश के राज में मलाई मारकर ओवररेट दारू बेचने वाले सिंडिकेट पर योगी आदित्यनाथ सरकार के अफसर फिर से मेहरबान है। अफसरों को करोड़ों का कमीशन खिलाकर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में शराब बिक्री का धंधा हथियाने वाले चड्डा ग्रुप ने ओवर रेटिंग का खेल फिर से शुरू कर दिया है। यूपी में चड्ढा की पंजीरी, चड्ढा की चीनी, चड्ढा की दारू, टाउनशिप जैसे कई गोरखधंधे पनप रहे है, पर ताजुब की बात ये है कि वर्तमान सरकार हाथ-पे-हाथ रखे बैठी है, चड्डा ग्रुप के खिलाफ अभी तक सरकार का रवैया सुस्त दिखाई दे रहा है।
आबकारी विभाग में चड्ढा ग्रुप का फर्जीबाड़ा:-
हर साल 31 मार्च को ठेके टूटते हैं लेकिन इस बार ठेकेदार पहले से ही स्टाॅक खाली करने में जुट गए हैं, शराब के ठेकों पर इस बार भी पौंटी चड्ढा के छोटे भाई हरदीप, जसदीप कौर चड्ढा ग्रुप का कब्जा हो गया है।पिछले 10 सालों से चड्डा ग्रुप ने अफसरों को जाने वाले मोटे कमीशन का घाटा कम करने के लिए शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग शुरू कर दी थी नई सरकार बनने के बाद 15 दिनों तक ओवररेटिंग का खेल बंद रहा, लेकिन चड्डा सिंडिकेट को फिर से दुकान बेचने का ठेका मिलने के बाद चड्डा ने अपने ठेकों पर शराब पर ओवररेट वसूलना शुरू कर दिया। आबकारी विभाग का राजस्व का पैसा चड्ढा ग्रुप के घर जा रहा है, जिसपे यूपी सरकार का हक होता है, यही नहीं चड्ढा ग्रुप शराब के कारोबार में नकली शराब व बिक्री में टैक्स चोरी कर रहा है।
चड्ढा ग्रुप के गोरखधंधे:-
अरबों की अमरोहा की चीनी मिल को माया सरकार में कौड़ियों के भाव में बेच दिया गया था। बसपा शासनकाल में करीब 600 बीघा जमीन वाली इस चीनी मिल को मात्र 17 करोड़ रुपये में पोंटी चड्ढा ग्रुप को बेचा गया था। दो करोड़ साठ लाख रुपये का स्टांप शुल्क भी 17 करोड़ रुपये में शामिल है।बेचने के विरोध में शुगर मिल पर किसान धरना और प्रदर्शन करते रहे, पोंटी चड्ढा के करीबी उत्तराखंड के इंदर सिंह नामधारी ने दबंगई के साथ हथियारों के बल पर किसानों को खदेड़कर, पोंटी चड्ढा ग्रुप का कब्जा करा दिया था,यूपी में