केरल में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर सरेआम गाय काटने का आरोप लगा है. कल रात केरल बीजेपी अध्यक्ष राजशेखरन ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया जिसमें कुछ लोग सरेआम एक गाय काटते हुए और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारा लगाते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो में यह भी दिख रहा है कि कुछ लोगों के हाथ में यूथ कांग्रेस का झंडा हैं. वीडियो पोस्ट करते हुए राजशेखरन ने आरोप लगाया है कि राज्य में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरेआम एक गाय की हत्या की है. इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया.
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोग अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. केरल बीजेपी के सदस्य और पूर्व क्रिकेटर एस श्रीशांत ने भी इस वीडियो पर अपना गुस्सा जताया है. वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने केवल यह गाय नहीं काटी है बल्कि देश के सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का काम किया है.
वहीं कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो हमारी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं. पूरे मसले पर कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है, ‘अगर किसी ने किसी कानून का उल्लंघन किया है तो उसको कानून के अनुसार डील किया जाएगा. कांग्रेस कभी उसका समर्थन नहीं करेगी लेकिन ये प्रमाणित होना भी जरूरी है कि जिसका वीडियो चल रहा है वो कांग्रेस से हैं भी की नहीं. मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस तरह की घटना को कांग्रेस के किसी व्यक्ति ने अंजाम दिया है तो तो कांग्रेस उसके समर्थन में नही है.’
लेफ्ट संगठन ने विरोध में की बीफ पार्टी
जानवरों की खरीद-बिक्री से जुड़े केंद्र सरकार के नियम का केरल में विरोध हो रहा है. कल लेफ्ट छात्र संगठन एसएफआई ने राजधानी तिरुवनंतपुरम में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सामने बीफ पकाकर खाया.
पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी लिखा पत्र
इस पूरे मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पीएम को लिखे पत्र में केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश करता हूं. जानवरों की खरीद-बिक्री पर जो नए प्रतिबंध लगाए गए हैं उन्हें हटाने की मांग करता हूं. ताकि देश के लाखों पशुपालकों, किसानों की आजीविका को सुरक्षित किया जा सके और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा भी की जा सके.
विजयन ने कहा कि केरल में आबादी का बड़ा हिस्सा मांसाहारी है और देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी यही स्थिति है. विजयन ने लिखा है, ‘यहां तक असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी शाकाहारियों की अपेक्षा मांसाहारियों की संख्या अधिक है.’ विजयन ने कहा कि नए नियम लागू करने से पहले राज्यों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी.