ग्रेटर नोएडा. प्रदेश में इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के यूपी के सीएम के अरमान पर इंडस्ट्रियल अथॉरिटी ही पानी फेर रही है। शहर में सैकड़ों इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के कंप्लीशन में सुविधा शुल्क लेकर अथॉरिटी अफसर को कंप्लीशन सर्टिफिकेट दे रहे हैं। खबरों की मानें तो प्लॉट कं कंसेलनेशन से बचने के लिए अलॉटी प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसरों के साथ मिलकर रिश्वत का खेल शुरू कर दिया है।
लंबे समय से इंडस्ट्रियल प्लॉट्स लेकर उस पर उद्योग न लगाने वालों के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने का अंतिम मौका 31 मार्च तक दिया गया था। समयसीमा समाप्त हो जाने और यूपी में योगी सरकार आने के बाद अब अधूरे निर्माण पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए प्लानिंग डिपार्टमेंट ने प्रति एकड़ 5 लाख रुपये का चार्ज तय किया है। ऐसे अलॉटियों को यह भी ‘सुविधा’ दी जा रही है कि बिल्डिंग कंप्लीट होने के बाद फाइल में लगे फोटो वे बदल सकते हैं। सीनियर अधिकारी मामला संज्ञान में न होने की बात कह रहे हैं। ऐसे कई प्लॉट सेक्टर-12 और ईकोटेक एक्सटेंशन में हैं।
सरकार बदलते ही अथॉरिटी जागी नींद से
सालों पहले अथॉरिटी की तरफ से इंडस्ट्रियल प्लॉट का अलॉटमेंट किया गया था। लेकिन उस समय से अथॉरिटी अफसर भी नींद में सोए हुए थे। सरकार बदलते ही अथॉरिटी अफसर नींद से जागे तो अलॉटी भी जुगाड़ में लग गए। दरअसल में कई अलॉटियों ने अभी तक बिल्डिंग का कार्य शुरू नहीं कराया है, लेकिन अथॉरिटी अफसरों की मेहरबानी के चलते उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया हैं।