याची ने कोर्ट में ये रखी थीं मांगें
याची का कहना था कि अब तक जो एफआईआर दर्ज हुई हैं, उनके तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। याची का यह भी आग्रह है कि ग्राहकों को कम पेट्रोल बेच कर पंप संचालकों ने भारी मात्रा में अतिरिक्त आय हासिल की है। अत: आयकर विभाग इसकी जांच करके नियमानुसार कार्रवाई करे। साथ ही भविष्य में ऐसी धांधली रोकने के लिए शिकायतों की निरंतर जांच की जाए।
एक्शन का अभी क्या स्टेटस है यह भी बताए सरकार मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) ने सभी संबंधित पक्षों को एक हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। उन्हें बताना होगा कि घपले में शामिल पाए गए पेट्रोल पंपों पर क्या कार्रवाई की गई है? जो पेट्रोल पंप कंप्यूटराइज्ड चिप का उपयोग करके कम सप्लाई कर रहे थे, उन पर क्या आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई है? अभी उसका स्टेटस क्या है? प्रदेश सरकार विशेष रूप से अपने जवाबी हलफनामे में यह जानकारी दे। अगली सुनवाई 22 मई को रखी गई है।