नोएडा। वेस्ट यूपी में कुख्यात अपराधियों की कोई कमी नही हैं। इन अपराधियों की धर—पकड के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ एसटीएफ को चने चबाने पड़े हैं। दिल्ली,
यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों में सुंदर भाटी, नरेश भाटी, अनिल दुजाना, योगेश भदौड़ा, उधम सिंह गैंग का दबदबा रहा हैं। इनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में लूट, रंगदारी, मर्डर,
गुंडा एक्ट, डकैती, गैंगस्टर जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इन गैंग के खौफ के चलते कोई भी व्यक्ति सिर नहीं उठाता था। खौफ का पर्याय माने जाने वाले इन गैंग के बदमाशों के पास में एक—47 जैसे स्वचलित हथियार भी रहे हैं। आपसी रंजिश की वजह से गैंग खड़ा किया तो कई बदमाश पेशेवर भी बने हैं। एक समय में कई बदमाशों से प्रेरित होकर नवयुवकों ने अपराध की दुनिया में कदम रखा हैं।
नरेश भाटी गैंग और सुंदर भाटी गैंग
सिकंदराबाद में ट्रॉसपोर्ट यूनियन को लेकर नरेश भाटी और सुंदर भाटी के बीच में छिड़ी जंग में दोनों तरफ से 20 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इनके गैंग के तार दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों से जुडते रहे हैं। साथ ही इनके पास में स्वचलित हथियार और बदमाशों की फौज हैं। इन गैंग से हरियाणा, यूपी और दिल्ली के शॉर्प शूटर मौजूद हैं। दादूपुर के प्रधान हरेंद्र नागर की हत्या में पुलिस की गोली का शिकार हुआ बदमाश सुंदर भाटी गैंग का शॉर्प शूटर था और यह दिल्ली का रहने वाला था। जेल में ही वह सुंदर भाटी के संपर्क में आया था। सुंदर भाटी गैंग में बैठकर जहां कमान संभाल रहा हैं। वहीं नरेश भाटी गैंग को अमित कसाना और अनिल दुजाना आॅपरेट कर रहे हैं। इनपर लूट, मर्डर, रंगदारी, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट के दिल्ली, यूपी और हरियाणा में मामले दर्ज हैं।
मुकीम काला का भी नही हैं खौफ कम
मुज्जफरनगर, सहारनपुर में कुख्यात मुकीम काला गैंग का खौफ लोगों में हैं। सहारनपुर में सिपाही की हत्या करने के बाद में मुकीम का नाम अपराध की दुनिया में उछला था। मुकीम काला गैंग का नाम अनिल दुजाना से भी जुडा हैं। मुकीम काला गैंग की पकड़ खाकी वर्दी वालांे से भी थी। जिसके चलते उसे पुलिस की हर मूवमेंट की खबर रहती थी। पुलिस मुकीम पर 50 रुपये का भी इनाम घोषित कर चुकी हैं। सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर काला कारबाइन लूटकर फरार हो गया था। सहारनपुर में 12 करोड़ की डकैती के बाद में मुकीम के पीछे दिल्ली, यूपी और हरियाणा की पुलिस लग गई। इस दौरान मुकीम को सेफ स्थान मुहैया कराने में अनिल ने अहम भूमिका निभाई थी।
योगेश भदौड़ा और उधम सिंह गैंग
यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में योगेश भदौड़ा के नाम एफआईआर दर्ज होने के बाद में मेरठ का मोस्ट वांटेड अपराधी बन गया। भदौड़ा गांव में योगेश के भाई प्रमोद की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप हिस्ट्रीशीटर बदमाश उधम सिंह पर लगा था। वहीं भाई की हत्या का बदला लेने के लिए योगेश ने गाजियाबाद में कोर्ट में उधम पर हमला कर किया था। 96 के दशक में योगेश और उधम अच्छे दोस्त हुआ करते थे। जनवरी 2014 में किनौनी शुगर मिल के ठेके को लेकर दोनों के बीच में ठन गई।