(नीरज त्यागी )
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण से जाते जाते पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने विवादित टाउनशिप की डीपीआर को हरी झंडी दे दी थी। खबर पर संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त और एलडीए उपाध्यक्ष की अनुपस्तिथि में काम देख रहे अनिल गर्ग ने इस मामले की गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। इसकी जांच अपर जिलाधिकारी प्रशासन अविनाश सिंह को सौंपी गई है।
एडीएम प्रशासन ने एलडीए अधिकारियों को फोनकर जांच के लिए इसकी फाइल तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है। एलडीए सचिव अरूण कुमार ने बताया कि अरिंदम बिल्डर को लाइसेंस और डीपीआर देने की मंजूरी की जांच के लिए मंडलायुक्त ने आदेश किया है। जांच में गड़बड़ी होनेे पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
बता दें कि बीते डेढ़ साल पहले एलडीए को अंधेरे में रखकर लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। लेकिन इसके बाद से डीपीआर को मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। 18 अप्रैल को पूर्व वीसी सत्येंद्र सिंह ने तबादला आदेश जारी होते ही विवादित टाउनशिप की विस्तृत कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। अरिंदम शेखर गारमेंटस मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की करोड़ों
की जिस टाउनशिप को मंजूरी दी गई है उसकी जमीन विवादों में है। इस मामले विधान भवन समिति और शासन ने भी नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जानकारी के अनुसार शहीद पथ पर 200 एकड़ में इंटीग्रेटड टाउनशिप केलिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अरिंदम शेखर गारमेंटस मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को बीते नवंबर वर्ष 2015 में बोर्ड ने लाइसेंस दिया था। डेवलपर्स ने ग्राम माढरमऊकला, बक्कास एवं मस्तेमऊ में 200 एकड़ भूमि के सापेक्ष 100 एकड़ भूमि खरीदने का विवरण दिया था।