Union Public Service Commission (UPSC) की परीक्षा में सफल हुए 1,099 उम्मीदवारों में 50 मुस्लिम उम्मीदवार हैं. ये ऐसा पहली बार हुआ है कि आजादी के बाद से अब तक सिविल परीक्षा में इतनी संख्या में मुसलमान उम्मीदवार सफल हुए हैं. इससे पहले कभी इतनी संख्या में मुसलमान उम्मीदवार UPSC परीक्षा में सफल नहीं हुए हैं. यह अपने आप में एक रिकार्ड बन चुका है जहां सिविल सेवा परीक्षा में मुसलमानों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
बतादें 2013 में इस समुदाय के 30 कैंडीडेट्स सफल हुए थे तो 2014 में 34 और 2016 में 36 कैंडीडेट्स सफल हुए थे. सिविल सर्विस में मुसलमानों की बढ़ती भागीदारी से माना जा रहा है कि यह समुदाय प्रगति कर रहा है.
Union Public Service Commission ने 31 मई को सिविल सेवा परीक्षा 2016 के नतीजे घोषित किए थे. जहां 1,099 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है. जिसमें 500 सामान्य अभ्यर्थी, 347 ओबीसी अभ्यर्थी, 163 एससी अभ्यर्थी और 8 से 9 एसटी अभ्यर्थी पास हुए हैं.
इस बार 50 मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिसमें 14 उम्मीदवार जम्मू कश्मीर के हैं. वहीं मुस्लिम उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लग रहा है कि इस समुदाय के लोग शिक्षा, नौकरी में दिलचस्पी ले रहे हैं.
मालूम हो कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने 2006 में उल्लेख किया था कि नागरिक सेवाओं में मुसलमानों ने केवल 3 प्रतिशत प्रतिनिधित्व किया था और पुलिस सेवा में 4 प्रतिशत.
उस समय इस पर चिंता व्यक्त की गई थी और मुसलमानों की संख्या बढ़ाने पर जोर देने की बात कही गई थी. फिलहाल इस बार सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिमों की बढ़ी भागीदारी से मुस्लिम संगठनों में भी खुशी का माहौल है.