योगी आदित्यनाथ यूपी को देश का नंबर वन राज्य बनाना चाहते हैं और इस दिशा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यूपी में निवेश लाने के लिए जिस तरह से टीम योगी काम कर रही है, उसने विरोधियों को भी प्रभावित किया है. यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले प्रदेश सरकार के अधिकारी-मंत्रियों ने घूम-घूमकर निवेशकों को यूपी के विकास से अवगत कराया. CM योगी खुद मॉनिटरिंग करते रहे, जिसका परिणाम यह रहा कि 34 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव में समिट में मिले.
मिला उम्मीद से कहीं ज्यादा
ऐसा नहीं है कि योगी सरकार से पहले प्रदेश में निवेश लाने के प्रयास नहीं हुए, जरूर हुए, लेकिन उनकी रफ्तार इतनी तेज नहीं रही. डबल इंजन की सरकार में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हर अधिकारी, नेता, मंत्री ने अपना योगदान दिया. पहली बार 25 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश में दुनियाभर के निवेशकों ने इतने बड़े पैमाने पर निवेश की तैयारी दर्शाई. सरकार 20 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद लगाए बैठी थी और झोली में आए 35 लाख करोड़ से ज्यादा के करार.
हर काम फुल स्पीड में
योगी सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर टेक्सटाइल तक लगभग हर सेक्टर के लिए निवेश हासिल करने में कामयाब रही. अब सरकार निवेश परियोजनाओं के शिलान्यास की तैयारी में भी जुट गई है. लगभग 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों की नींव अगस्त-सितंबर में रखी जाएगी. यानी निवेश जुटाने से लेकर उसे धरातल पर लाने तक का हर काम पूरी स्पीड में हो रहा है.
नौकरियों के खोले दरवाजे
यूपी में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. उदाहरण के तौर पर अगले साल सितंबर तक यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा. जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण का कम भी अगले साल पूरा होने की उम्मीद है. योगी राज में सड़कों का जाल भी तेजी से बिछ रहा है. साथ ही सरकार ने युवाओं को जॉब्स देने की दिशा में भी कई कदम उठाए हैं. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर यदि सरकारी नौकरियों की बात करें, तो आयोगों और बोर्ड्स द्वारा 36,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है. सबसे ज्यादा नौकरियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (1200) और पुलिस भर्ती बोर्ड (12000) ने दी हैं.
ऐसे बदल रहा यूपी
सरकार की मानें तो बीजेपी के संकल्प-पत्र के 130 में से 110 वादे या तो पूरे कर दिए गए हैं या उन पर अमल के लिए निर्णय हो चुका है. 33.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव लाने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन और G-20 समिट ने योगी की छवि वैश्विक स्तर की बना दी है. साथ ही आगरा, लखनऊ, वाराणसी और गौतमबुद्धनगर में G-20 की बैठकों से प्रदेश के विकास, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और विरासत को वैश्विक समुदाय के सामने पेश करने का मौका मिला है. प्रदेश के समग्र विकास के लिए 10 मुख्य सेक्टर चिह्नित किए गए हैं और हर सेक्टर की जिम्मेदारी एक अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है. लखनऊ-हरदोई के बीच 1000 एकड़ भूमि पर 1200 करोड़ की लागत से पीएम-मित्र टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की जानी है. साथ ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाना है. कुल मिलाकार कहें तो प्रदेश को पूरी तरह बदलने की योजना फास्ट ट्रैक में है और आने वाले समय में योगी UP को एक नई पहचान देने में कामयाब होंगे.