राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग: “क्रोनी कैपिटेलिज्म”

क्रोनी कैपिटेलिज्म शब्द का इस्तेमाल प्राय: किया जाता है और इस शब्द के अर्थ के बारे में एक सामान्य समझ भी लोगों में है. विकीपीडिया में इस शब्द की परिभाषा इस प्रकार से दी गई है : एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें किसी कारोबार में सफलता कारोबारी और सरकारी अधिकारियों के बीच करीबी संबंधों पर निर्भर करती है. इसको हम लीगल परमिट, सरकारी अनुदान, विशेष टैक्स छूट के वितरण में भेदभाव और सरकारी दखल के अन्य रूपों में पक्षपात के रूप में इस हद तक देख सकते हैं कि इससे जनसेवा के आर्थिक और राजनीतिक आदर्श भी भ्रष्ट हो जाते हैं.

जब क्रोनी कैपिटेलिज्म से जुड़े होने की बात आती है तो भारत कहीं इसमें पीछे नजर नहीं आता है. 2014 में दि इकनॉमिस्ट मैग्जीन ने एक क्रोनी कैपिटेलिज्म इंडेक्स जारी की थी, “जिसमें उसने ऐसे देशों की सूची दी थी जिनमें राजनीतिक संबंध संपन्न कारोबारियों के समृद्ध होते जाने की संभावना सबसे अधिक थी.” इस विश्लेषण में शामिल 23 देशों में भारत का स्थान नौवें नंबर पर था।

बजट 2017 और क्रोनी कैपिटेलिज्म

क्रोनी कैपिटेलिज्म का मूल है कारोबार और राजनीति में एक गठजोड़. बजट 2017 सरकार की तरफ से उठाया गया वह सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कदम है जिससे कारोबारी अथवा कॉरपोरेट तथा राजनीतिक दलों के बीच करीबी संबंधों को पनपने में सहूलियत दी गई है. ऐसा क्यों कहा गया है इसको समझाने के लिए बजट की कुछ मुख्य बातों को नीचे विवेचन किया गया है. 1 फरवरी को बजट आने के बाद से ही ये बिंदु पब्लिक डोमेन में चर्चा का विषय बने रहे हैं.

ये सब उन दो पैराग्राफ से शुरू हुआ जो कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण के दौरान “चुनावी वित्तपोषण में पारदर्शिता” नाम के उदात्त शीर्षक के साथ पढ़े थे:

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. हमारी बहुदलीय संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में राजनीतिक दल इसके अनिवार्य घटक होते हैं. स्वतंत्रता के 70 वर्षों बाद भी देश में आज तक राजनीतिक दलों की फंडिंग के ऐसे पादर्शी तरीके विकसित नहीं किए जा सके जो कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाने के लिए बेहद जरूरी हैं. निजी व्यक्तियों, साझेदारी फर्मों, हिंदू अविभाजित परिवारों और कंपनियों को राजनीतिक चंदा देने को प्रोत्साहित करने के लिए इसके पहले किए गए प्रयास में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, कंपनी अधिनियम और आयकर अधिनियम में संशोधन किया गया था.

अगर खातों को पारदर्शी तरीके से बनाया गया हो और सक्षम अधिकारी के समक्ष रिटर्न फाइल किया गया हो तो दाता और ग्राहक दोनों को ही कर अदायगी में छूट दी गई थी. साथ ही राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों की सूची बनाकर रखना भी अनिवार्य किया गया था जिन्होंने 20 हजार रुपये से अधिक का चंदा राजनीतिक दलों को चैक अथवा नकद में दिया हो. इन प्रावधानों के बाद भी स्थिति में आंशिक सुधार ही हुआ है. राजनीतिक दल अब भी अपना अधिकांश चंदा अज्ञात दाताओं से नकद में प्राप्त कर रही हैं.

इसलिए राजनीतिक चंदा प्रणाली को साफ सुथरा बनाने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है. दान दाताओं ने भी चेक और दूसरे पारदर्शी साधनों से चंदा देने में हिचकिचाहट दिखाई है, क्योंकि इससे उनकी पहचान उजागर होती है और इसके प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं. इसलिए मैं यहां राजनीतिक दलों के चंदा देने की प्रणाली को ठीक करने के लिए निम्न योजना पेश कर रहा हूं.

1. चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सुझाव अनुसार कोई एक राजनीतिक दल किसी एक व्यक्ति से अधिकतम नकद चंदा अब 2000 रुपये से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता.

2. राजनीतिक दल अब दानदाताओं से चंदा चैक अथवा डिजिटल माध्यम से प्राप्त कर सकेंगी.
3. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम में एक ऐसा संशोधन प्रस्तावित है जिससे कि वह सरकार द्वारा इस संबंध भविष्य में बनाई गई योजना के अनुसार चुनावी बांड जारी कर सके. इस योजना में दानदाता सिर्फ डिजिटल माध्यमों या चेक से ही अधिकृत बैंकों से बांड खरीद सकेगा. ये बांड केवल किसी पंजीकृत राजनीतिक दल के निर्दिष्ट खाते में ही भुगतान रूप में परिणत हो सकेंगे. इन बांडों को जारी होने के बाद इनको भुगतान रूप में बदलने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय होगी.
4. प्रत्येक राजनीतिक दल को आयकर अधिनियम के तहत दिए गए समय में अपना रिटर्न फाइल करना होगा. यह बताना अनावश्यक है कि राजनीतिक दलों को आयकर में दी गई छूटें तभी मिल पाएंगी जबकि वे इन शर्तों को पूरा करेंगे. इस सुधार से राजनीतिक चंदे में अधिक पारदर्शिता तथा जवाबदेही आ सकेगी और साथ ही काले धन का पैदा होना भी इससे रुकेगा.”

 

About न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

News Trust of India न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

ăn dặm kiểu NhậtResponsive WordPress Themenhà cấp 4 nông thônthời trang trẻ emgiày cao gótshop giày nữdownload wordpress pluginsmẫu biệt thự đẹpepichouseáo sơ mi nữhouse beautiful