एक नाबालिग से रेप के मामले में फंसे अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दुष्कर्म मामले में जेल जाने वाले गयात्री प्रजापति को अब एलडीए से झटका लगा है. एलडीए कोर्ट ने गायत्री के अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि 15 दिन के भीतर गयात्री खुद ही अवैध निर्माण गिरवा दें अन्यथा एलडीए कार्रवाई करेगा.
एलडीए कोर्ट ने अवैध निर्माण मामले की सुनवाई करते हुए गयात्री की बिल्डिंग को ढहाने के लिए तीन बिन्दुओं को आधार बनाया है. साथ ही कोर्ट ने एलडीए की जमीन वाले हिस्से पर हुए अवैध निर्माण पर तत्काल कब्ज़ा लेने का आदेश भी दिया है. करीब 10 दिन पहले एलडीए की प्रवर्तन टीम ने गयात्री प्रजापति के 589/1 सालेह्नगर में निर्माणाधीन दो मंजिला अवैध बिल्डिंग को सील कर दिया था. जिसके बाद अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए मामले को एलडीए कोर्ट के समक्ष रखा गया था. लेकिन इसकी सूचना मिलने पर गायत्री प्रजापति के लोगों ने शमन कराने के लिए गुपचुप तरीके से 11, 175 रुपये का शुल्क जमा करवा दिया. जिसकी वजह से सुनवाई टल गई थी.
सोमवार को फिर हुई सुनवाई में विहित अधिकारी धनंजय शुक्ला ने जांच में पाया कि निर्माण एलडीए से बिना मानचित्र पास कराए किया जा रहा था. शमन के लिए कोई मानचित्र भी जमा नहीं कराया गया था. केवल शुल्क ही जमा कराया गया था.
दो मंजिला निर्माण 170 मीटर बाइ 40 मीटर में कराया गया था, लेकिन एलडीए की अर्जन टीम और सरोजिनीनगर तहसील की संयुक्त जांच टीम ने पाया कि गायत्री प्रजापति ने 4.87 मीटर बाइ 1.47 मीटर में जो निर्माण कराया था वह एलडीए की अधिग्रहित जमीन थी. जो खसरा नंबर 162 में दर्ज है. लिहाजा अब इस अवैध निर्माण को ढहाने का आदेश दिया गया है.