पूर्व-भारत से लेकर पश्चिम-भारत और उत्तर-भारत से लेकर दक्षिण-भारत तक ऐसे लाखों मंदिर हैं जहां दर्शन के लिए लाखों भक्त भी पहुंचते हैं। चारों दिशाओं में मौजूद ऐसे कई मंदिर हैं जिनके निर्माण और बनावट को लेकर हर समय चर्चा होती रहती है।
भारत में ऐसे कई मंदिर भी मौजूद हैं जिन्हें किसी अजूबा से कम नहीं माना जाता है। जैसे- कोतिलिंगेश्वारा मंदिर, मीनाक्षी मंदिर या उज्जैन मंदिर। भारत में कुछ ऐसे ही मंदिर है जिकसी रहस्यमयी कहानियां सुनकर इंसान सोच में पड़ा जाता है।
भारत में एक ऐसा ही मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि एक रात में भूतों ने कर दिया था। आइए इस मंदिर के बारे में जानते हैं।
ककनमठ मंदिर
जमीन से लगभग 115 फुट की ऊंचाई पर मौजूद यह मंदिर आसपास के लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। एक पवित्र मंदिर होने के साथ-साथ एक रहस्यमयी मंदिर के रूप में भी विख्यात है।
ककनमठ मंदिर का इतिहास
इस रहस्यमयी का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। कई लोगों का मानना है कि ककनमठ मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था और उस समय इसे कछवाहा वंश के राजा कीर्ति ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया था।
कई लोगों का मानना है कि राजा कीर्ति की पत्नी ककनावती भगवान शिव की बड़ी भक्त थी और आसपास एक भी शिव मंदिर नहीं था इसलिए इसका निर्माण करवाया था।
ककनमठ मंदिर की रहस्यमयी कहानियां
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सुबह होते ही भूतों ने मंदिर का कुछ निर्माण करना छोड़ दिया जिसे बाद में रानी ने करवाया था। इसलिए मंदिर का कुछ हिस्सा बाद में बिना चूने और गारे से बना हुआ है।
ककनमठ मंदिर जुड़े अन्य मिथक
कई लोगों का मानना है कि वैज्ञानिकों ने भी इस मंदिर का निरीक्षण कर चुके हैं और उन्हें यह मालूम नहीं चल सका कि इसका निर्माण कैसे किया गया है। कहा जाता है कि यहां कई मूर्तियां टूटी हुई अवस्था में हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर को मध्य प्रदेश का अजूबा मंदिर माना जाता है।
ककनमठ मंदिर कैसे पहुंचें
आपको बता दें कि इस अद्भुत मंदिर पहुंचना बेहद आसान है। इसके लिए आप मध्य प्रदेश के किसी भी शहर से आसानी से पहुंच सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि यह मंदिर झांसी से लगभग 154 किमी की दूरी पर है। ग्वालियर से इस मंदिर की दूरी लगभग 40 किमी है। ऐसे में इन दोनों ही शहरों से आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।