गरमपानी : खनन पर न्यायालय के पूर्ण प्रतिबंध के बाद सफेद सोने का काला कारोबार करने वालों की नजर अब कुजगढ़ नदी पर है। खनन तस्करों ने कोसी के बाद अब इस स्थान को खनन के लिए निशाने पर लिया है। खनन माफिया इतने बेखौफ हैं कि रात में ही नहीं दिन में भी धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं। यहां पर भी तस्करी में लिप्त लोग अब वाहनों को नदी में उतारने के बजाय खच्चरों से उपखनिज चोरी करने में जुटे हैं।
अवैध खनन के लिए कुख्यात कोसी नदी के बाद अब तस्करों ने कुजगढ़ नदी में अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। तंत्र की लचर कार्यप्रणाली का ही नतीजा है कि बेखौफ खनन तस्कर हाईकोर्ट के प्रतिबंध के बाद अब स्थान ही नहीं बल्कि चोरी का तरीका भी बदल लिया है। खनन माफियाओं ने अवैध खनन के लिए सूर्यफार्म के बाद कोसी की सहायक कुजगढ़ नदी पर अपना ठिकाना बनाया है। जहां पातली के समीप धड़ल्ले से अवैध खदान किया जा रहा है। जो रात में ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी चल रहा है। तस्करों ने नदियों में वाहन उतारने के बजाय खच्चरों से चोरी के उपखनिज को ठिकाने लगाने का तरीका अपनाया है। प्रतिदिन तकरीबन आठ से दस खच्चरों के माध्यम से कई टन उपखनिज को मोटर मार्गों तक पहुंचाकर ठिकाने तक पहुंचाया जा रहा है।
‘न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीम बनाकर अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश का कढ़ाई से पालन किया जा रहा है।
-रजा अब्बास, एसडीएम रानीखेत’