केंद्र सरकार ने कहा था कि हमें होटलों में होने वाली भोजन की बर्बादी को बचाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। भारत, दुनिया के कुल खाद्य उत्पादन में 10.04 हिस्सेदारी रखता है लेकिन एक सर्वे बताता है कि देश में हर साल करीब 6.7 करोड़ टन फूड प्रोडक्ट पर्याप्त पर्याप्त स्टोरेज, कोल्ड चेन, रेफ्रीजरेशन व्यवस्था न होने से खराब हो जाते हैं। बर्बाद हुए इन फूड प्रोडक्ट की कीमत लगभग 92 हजार करोड़ रुपए होती है।
सर्वे के अनुसार चौंकाने वाली बात तो यह है कि देश में बर्बाद होने वाले फूड प्रोडक्ट की मात्रा ब्रिटेन जैसे बड़े देश के कुल फूड प्रोडक्शन के बराबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए मन की बात में कार्यक्रम में भी बर्बादी रोकने की अपील भी की थी। भारत में सालाना बर्बाद हुए खाने को बचाकर 92 हजार करोड़ बचाये जा सकते हैं।
देश में लगभग 6.1 करोड़ टन कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है
देश में हर साल करीब 8.1 करोड़ टन फल और 16.2 करोड़ टन सब्जियों का उत्पादन होता है। फल उत्पादन में भारत की 12.6 फीसदी और सब्जियों में 14 फीसदी हिस्सेदारी है। देश में लगभग 6.1 करोड़ टन कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है लेकिन, मौजूदा समय में 6500 कोल्ड स्टोरेज हैं जिनकी क्षमता केवल 3.1 करोड़ टन की है।
इससे 20 हजार करोड़ रुपए की हर साल चोट
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीफैट) के सर्वे के अनुसार देश में तकरीबन 20 से 22 फीसदी फल-सब्जियां हर साल प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज के अभाव में बर्बाद हो जाती हैं। इसके कारण लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की हर साल चोट देश की इकोनॉमी को पहुंचती है।