पयटकों को लुभाएगा इनर लाइन का रोमांच

उत्तरकाशी : उत्तरकाशी के बर्फीले बियाबान का रोमांच अब पर्यटकों के लिए रहस्य नहीं रहेगा। हर्षिल से शुरू होने वाली इनर लाइन (वह सीमा जिससे आगे जाने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी है।) में प्रवेश के लिए सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम को ‘पथिक’ नाम से लांच किया है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर मौजूद पथिक के जरिये पर्यटक घर बैठे ही अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उत्तरकाशी जनपद का करीब चालीस फीसद भाग समुद्र तल से साढ़े तीन से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शुष्क पहाड़ और छोटी-छोटी नदियों वाले इस इलाके में हर्षिल, नेलांग घाटी, कालिंदी पास और गंगोत्री नेशनल पार्क का एक बड़ा भाग है।

वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध से पहले यहां देशी-विदेशी सैलानियों का आना जाना लगा रहता था। युद्ध के बाद विदेशी सैलानियों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई और देशी पर्यटकों के लिए जिला प्रशासन की अनुमति अनिवार्य कर दी गई। ऐसे में यह इलाका पर्यटकों की नजरों से ओझल ही रहा।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2014 में जिला प्रशासन और गंगोत्री नेशनल पार्क ने यह इलाका पर्यटकों के लिए खोले जाने को संयुक्त पहल शुरू की। रक्षा मंत्रालय के सहयोग से नियमों में कुछ ढील दी गई। अब देशी और विदेशी सैलानी यहां सैर कर सकते हैं, लेकिन विदेशी सैलानियों को यहां रात्रि विश्राम की अनुमति नहीं है।

दिनभर घूमने के बाद उन्हें हर्षिल लौटना होता है, जबकि स्वदेशी पर्यटक अनुमति के साथ यहां रात्रि विश्राम कर सकते हैं। जिलाधिकारी के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण ये एहतियात बरते गए हैं।

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक सैलानियों को अनुमति लेने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। इसमें करीब सप्ताहभर से ज्यादा का वक्त लग जाता था। सिंगल विंडो सिस्टम ‘पथिक’ से यह अनुमति सिर्फ तीन दिन में मिल जाएगी।

उन्होंने बताया कि देशी सैलानियों के लिए प्रति व्यक्ति शुल्क 200 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये रखा गया है। इसके अलावा वाहन शुल्क के तौर पर 250 रुपये लिए जाएंगे। वाहन शुल्क देशी और विदेशी के लिए समान होगा। डीएम ने बताया कि बीती सात अप्रैल को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सिस्टम लॉच कर दिया है और सैलानी सोमवार से अनुमति के लिए आवेदन कर सकेंगे।

इनर लाइन में पड़ने वाले स्थल

हर्षिल, नेलांग एवं कालंदी पास, गंगोत्री नेशनल पार्क में पडऩे वाले स्थल गोमुख, तपोवन, नन्दन वन, सुन्दरवन, वासुकीताल, केदारताल के अलावा गोविंद पशु विहार में पडऩे वाले हरकीदून, केदारकांठा, रूपिन पास, चांइसिल बुग्याल, देवक्यारा, स्वर्गारोहणी।

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