श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड ने अपने तीन अधिकारी-कर्मचारियों से नौ साल पुराने खरीद मामले में जवाब तलब किया है. संस्थान ने इस मामले में उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. सुर्खियों में आया ये मामला 2013 का बताया जा रहा है. नौ साल पहले एनआईटी के लिए उपकरण खरीदे गए थे.
शिकायतकर्ता को कर दिया गया पदमुक्त: शिकायत करने के बाद डॉ. भोला शंकर को पदमुक्त कर दिया गया था. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही थी. बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में सीबीआई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट दी है. मंत्रालय ने एनआईटी को रिपोर्ट भेजते हुए अपने स्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जांच के दायरे में संस्थान के तीन अधिकारी-कर्मचारी आ रहे हैं.
श्रीनगर गढ़वाल में है एनआईटी: शिक्षा मंत्रालय द्वारा संसद के अधिनियम के तहत 2009 में स्थापित, NITUK श्रीनगर गढ़वाल में स्थित है. प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी अभी एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक हैं. यह सार्वजनिक तकनीकी विश्वविद्यालय है और दस नए स्थापित NIT में से एक है. मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2021 में संस्थान को इंजीनियरिंग श्रेणी में 186वां स्थान दिया गया था. एनआईटी उत्तराखंड 9 विभागों के तहत इंजीनियरिंग के विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) कार्यक्रमों में पूर्णकालिक प्रवेश प्रदान करता है.
NIT क्या हैं: NIT या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भारत सरकार के अधीन उच्च कोटि के तकनीकी संस्थान या इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान हैं. NIT में इंजीनियरिंग के स्नातक (ग्रेजुएशन) और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) कोर्सों के साथ ही अन्य कई कोर्स कराए जाते हैं. वर्ष 2002 तक NIT को REC (रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज) कहा जाता था. भारत के इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नेलॉजी (NIT) का दर्जा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के बाद सबसे ऊंचा माना जाता है. भारत में अभी 30 से ज्यादा एनआईटी हैं.