भारत में खाने की बर्बादी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता के बाद अब सरकार इस पर कोई क़दम उठा सकती है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है, कि खाने की बर्बादी रोकने और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए रेस्त्रां और होटल मालिकों से बात की जाएगी।
आपको बता दें पीएम मोदी ने देशवासियों से खाना बर्बाद न करने की अपील की है। उन्होंने कहा था कि लोग खाना बर्बाद ना करें करें, थाली में जूठन न छोड़ें। हम उतना ही लें, जितना खाना है।
खाने की बर्बादी से पर्यावरण को ख़तरा
- खाने की बर्बादी के मामले में भारत दुनिया में 7वें पायदान पर है।
- फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल 1.3 बिलियन टन खाना बर्बाद किया जाता है।
- खाने की बर्बादी से हर साल 3.3 बिलियन टन ग्रीन हाउस गैसें निकलती हैं।
- चावल की बर्बादी सबसे ज़्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, क्योंकि चावल के सड़ने से मीथेन गैस निकलती है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 88 देशों में 63वें नंबर पर है।
- भारत में रोज़ाना 20 करोड़ लोग भूखे सो जाते हैं।
- हर साल भारत में 2 करोड़ 10 लाख टन गेहूं बर्बाद हो जाता है।
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