प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में 2022 तक देशवासियों से नए भारत के निर्माण का संकल्प लेने की बात कही। इससे पहले पीएम मोदी 2022 तक हर परिवार को घर देने की बात कह चुके हैं। साथ ही उन्होंने किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुनी करने की बात कही है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी अपनी हर योजना को 2022 तक पूरी करने की बात क्यों कहते हैं, जबकि उनको इससे पहले 2019 में चुनाव में जाना है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय कर लिया है कि 2019 उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। इसे उनका कॉन्फिेंडस कहा जाए या ओवर कॉन्फिडेंस, लेकिन यह वोटरों के मन में यह भ्रामक स्थिति जरूर खड़ी कर देता है। क्योंकि यह बात बार-बार दोहराई जा रही है।
हर परिवार को घर देने की योजना की स्थिति
फरवरी 2015 में संसद में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए वित्त मंत्री ने सरकार की ओर से शहरों में 2 करोड़ और गांवों में 4 करोड़ सस्ते घर बनाने की बात कही थी। लेकिन बीते तीन सालों में पूरे देश में मात्र 1 लाख सस्ते घर ही बन पाए हैं। यदि सरकार इसी गति से कार्य करती है तो हर परिवार को घर देने के लक्ष्य को पूरा करने में 600 वर्ष का समय लगेगा।
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का ख्वाब अधूरा
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए सरकार ने किसानों कृषि पर लागत कम करने और नई तकनीक से उत्पादकता बढ़ाने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। न तो कृषि पर लागत कम करने के लिए कृषि उपकरणों या बीज-खाद के दाम कम किए गए हैं और न ही कोई नई कृषि तकनीक इजाद की गई है। सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं।
डिजिटल इंडिया से नहीं जुड़ पाए गांव
केंद्र सरकार ने 2015 में 2.2 लाख गांवों को 3 साल के अंदर डिजिटल इंडिया से जोडऩे का लक्ष्य रखा था। लेकिन यह योजना भी कछुआ गति से चल रही है। इस योजना के तहत अभी तक 16335 गांव ही डिजिटल इंडिया से जुड़ पाए हैं। इस योजना में जिस गति से कार्य चल रहा है उस गति से 2060 तक ही 2.2 लाख गांव डिजिटल इंडिया से जुड़ पाएंगे।
अब संकल्प वर्ष मनाने का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 2017 से 2022 तक संकल्प वर्ष मनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने 2017 से 2022 तक देश को न्यू इंडिया बनाने का संकल्प लिया है। लेकिन, केंद्र सरकार की 2022 तक घोषित की गई योजनाओं का हाल देखकर यह लगता है कि इसका हश्र भी उनके जैसा ही होना है।
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