नमामि गंगे का सपना साकार करेंगे ढाई करोड़ पौधे

देहरादून : नमामि गंगे योजना में गंगा को सीवर की गंदगी से तो मुक्ति मिलेगी ही, पहाड़ से हरिद्वार तक गंगा को बचाने की मुहिम भी तेज होगी। इसी मुहिम के लिए एफआरआइ (वन अनुसंधान संस्थान) गंगा के किनारे ढाई करोड़ से अधिक पौधे लगाएगा। एफआरआइ के विशेषज्ञों की मानें तो इससे न सिर्फ भू-कटाव कम होगा, गंगा में साफ पानी भी पहुंचेगा। इसके लिए राज्य के वन महकमे को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।

एफआरआइ ने गंगा के किनारे 2.68 करोड़ पौधे लगाने के लिए 885.91 करोड़ का बजट रखा है। दून के राजपुर रोड स्थित एक होटल में नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर आयोजित बैठक में एफआरआइ के वैज्ञानिक डॉ. ललित कुमार शर्मा ने इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी दी।

बताया कि गंगा के किनारे पांच किमी की दूरी व गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों के किनारे दो किमी तक पौधे लगाए जाएंगे। इस संबंध में सभी डीएफओ को पत्र भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को कृषि भूमि में लगाने के लिए मुफ्त फलदार पौधे दिए जाएंगे।

इन पौधों के रखरखाव की जिम्मेदारी एफआरआइ की होगी करेगा। बताया कि गंगा के किनारे पौधारोपण के लिए 54855 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है।

घाट के समीप भी लगे पेड़-पौधे

नमामि गंगे के तहत वेबकॉज संस्था व सिंचाई विभाग गंगा किनारे घाट बनाने का काम कर रहे हैं। एफआरआइ ने उनसे भी अपील की है कि वह घाटों के आसपास पेड़-पौधे लगाएं। ताकि पर्यावरण को इसका लाभ मिले।

तैयार किए 40 मॉडल

एफआरआइ ने इसके साथ ही गंगा किनारे पौधारोपण के लिए 40 मॉडल तैयार किए गए हैं। हालांकि, यह मॉडल सबसे बेहतर बताया जा रहा है। वैज्ञानिक डॉ. ललित कुमार शर्मा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ईएससी से भी मान्यता प्राप्त है।

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