इमरान खान की पार्टी तरहीक-ए-इंसाफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर बड़ा आरोप लगाया है. तहरीके-ए-इंसाफ ने आरोप लगाया है कि नवाज शरीफ ने आतंकी संगठन अल-कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन से जिहाद के नाम पर रुपये लिए थे. नवाज पर ये भी आरोप है कि उन्होंने उस पैसे का इस्तेमाल 1989 में तत्कालीन बेनजीर भुट्टो सरकार के ख़िलाफ़ भी किया था.
दरअसल नवाज शरीफ पर पनामा केस को लेकर शिकंजा कसा हुआ है. यह मुकदमा 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का है. शरीफ उस दौरान दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. पनामा पेपर्स के अनुसार नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम और बेटों- हसन एवं हुसैन की विदेश में कंपनियां थीं. इनके जरिए कई लेन-देन हुए थे. इसके बाद अब उन पर एक और गंभीर आरोप विपक्षी पार्टी ने लगाया है.
तहरीक-ए-इंसाफ ने यह आरोप कुछ इंटरव्यू और एक किताब के आधार पर लगाए हैं. जिसके तहत 1980 की पाकिस्तान की राजनीति का एक नया इतिहास सामने आया है. कहा जा रहा है कि तहरीक-ए-इंसाफ इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर सकती है. पार्टी ने कहा कि उन्होंने ‘खालिद ख्वाजा: शहीद-ए-अमन’ के आधार पर यह आरोप लगाए हैं.
इंटरव्यू और किताब में कहा गया है कि पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने आतंकी ओसामा बिन लादेन से 1.5 अरब रुपये की मदद ली थी. जिसका उपयोग उन्होंने कश्मीर और अफगानिस्तान के इलाकों में जिहाद फैलाने के लिए किया था. पनामा पेेपर में हुए खुलासे के बाद पाकिस्तान में विपक्षी दलों की यचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है.