नार्थ कोरिया और अमेरिका के बीच अब मामला संजीदा हो चुका है. इन दोनों देशों के नेताओं के दरमियान बात अब इस हद तक बढ़ गई है कि जंग का खतरा सिर उठाने लगा है. जंग किसी भी वक़्त शुरू हो सकती है. ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि हम ये जान लें कि अगर ऐसा हुआ तो तबाही की आंच कहां तक पहुंचेगी. कहीं ये विश्वयुद्ध की आहट तो नहीं. क्योंकि एक तरफ अरब देश तो दूसरी तरफ कोरियाई पेनिंनसुला जंग के ज्वालामुखी पर बैठा है. और ऊपर से अमेरिका नार्थ कोरिया के तानाशाह को तैश दिलाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. अब कहीं जंग छिड़ गई तो अंदाजा लगाइए कि फिर क्या होगा?
अमेरिका की तरफ है नार्थ कोरिया का निशाना
घबराहट सब में हैं, इत्मिनान किसी को नहीं. चैन है कि आता ही नहीं और आएगा भी क्यों कर. हालात ही अब कुछ ऐसे हैं. एक तरफ साउथ कोरिया, अमेरिका, जापान और चीन अपने अपने हथियारों से लैस हैं. बस बिगुल फूंके जाने का इंतज़ार है. तो दूसरी तरफ मैदान में अकेला खड़ा नार्थ कोरिया का तानाशाह इस बात को लेकर कशमकश में है कि वो अपनी मिसाइलों का रूख किस ओर करे. इसलिए उसने तय किया है कि हमला कहीं से भी हो उसकी मिसाइलों का रूख सिर्फ एक तरफ होगा और वो है अमेरिका. बकौल नार्थ कोरिया के इस तानाशाह किम जोंग उन के उसके पास इसकी वाजिब वजह भी है. क्योंकि सीरिया पर हमले के बाद अब अमेरिका का रवैय्या पूरी तरह से जंग का हो गया है और इसीलिए उसने कोरियाई पेनिनसुला में अपने जंगी जहाज़ों को भेजा है. लिहाज़ा किम जोंग उन ने अमेरिका को आखिरी चेतावनी दी है कि जंग के लिए तैयार रहें.