तमाम आदेशों, निर्देशों, घटनाक्रम से भरा एक महीना कई मायने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जहां कड़क छवि को सामने लाता है, वहीं अफसरशाही के लिए एक सबक भी है। उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद कुछ ही दिनों में अवैध बूचडख़ानों पर लगाम लगाने, किसानों की कर्जमाफी, समूह तीन व चार की नौकरियों में साक्षात्कार खत्म करने, लड़कियों से छेडख़ानी रोकने के लिए एंटी रोमियो दस्ते का गठन, 15 जून तक गड्ढा मुक्त सड़कें, निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी पर रोक, सबके लिए बिजली जैसे कई फैसले जहां जनता में उम्मीद जगाते हैं वहीं रिवर फ्रंट जैसी कई परियोजनाओं की जांच के योगी सरकार के फैसले ने उनकी छवि भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने वाले की बना दी है। पिछली कई सरकारों के उलट योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही नौकरशाही में व्यापक फेरबदल की परंपरा को खत्म किया और केंद्र की मोदी सरकार की ही तर्ज पर वर्तमान में अहम पदों पर बैठे अफसरों को सुधरने का पूरा मौका दिया। मंगलवार को योगी सरकार के एक महीना पूरा होने पर ही बड़े पैमाने पर 41 आईएएस अफसरों के तबादले किए गए हैं और उनमें से भी केवल नौ जिलों के डीएम बदले गए हैं। ज्यादातर जिलों में पुलिस प्रमुख या डीएम के तौर पर अभी भी पुरानी सरकार के नियुक्त अधिकारी ही काम कर रहे हैं।
सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए किसानों की कर्जमाफी के वादे को पूरा करने की थी। कर्जमाफी का रास्ता तलाशने के चक्कर में योगी सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक को दो सप्ताह तक टाले रखा। दरअसल विभिन्न परियोजनाओं के लिए भारी भरकम धन के आवंटन, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते खजाने पर पड़े बोझ और चुनावी साल में राजस्व की कमजोर वसूली ने किसानों की कर्जमाफी जैसे बड़े फैसले को लागू करने में देर लगाई। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों से कई दौर की बातचीत के बाद किसानों की कर्ज माफी जैसी बड़ी समस्या का हल खोज ही निकाला गया और वह भी पहली ही कैबिनेट में।
बिजली को लेकर योगी सरकार ने न केवल केंद्र के साथ ‘पावर फॉर ऑल करार’ पर हस्ताक्षर कर अगले साल अक्टूबर तक प्रदेश भर को 24 घंटे बिजली देने का वादा किया है बल्कि 15 अप्रैल से नए रोस्टर को लागू कर गांवों और शहरों की आपूर्ति भी बढ़ा दी है। प्रदेश में बिजली उत्पादन की समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों पर भी जोर देने की शुरुआत की है।
प्रदेश में उद्यमियों की समस्याओं पर खास ध्यान देते हुए योगी सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के नेतृत्व में किया है। मंगलवार को इस समूह ने अधिकारियों व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ इस नीति के प्रारूप पर बैठक कर चर्चा की है। प्रदेश में भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस बल का गठन हो या अवैध खनन पर लगान लगाना हो, जनता के बीच अपने इन फैसलों से कम से कम योगी सरकार ने एक आस तो जगाई है।