देहरादून। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और दिल्ली में एमसीडी चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने अब अपना गिरता जनाधार संभालने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की शुरुआत करते हुए पार्टी ने उत्तराखंड और पंजाब में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिये हैं.
कांग्रेस ने उत्तराखंड में भारी हार का ठीकरा किशोर उपाध्याय के सिर पर फोड़ते हुए उन्हें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. उनकी जगह चकराता से विधायक प्रीतम सिंह को उत्तराखंड का नया पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है. किशोर उपाध्याय को सहसपुर विधानसभा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था.
इसी तरह सुनील जाखड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. अब तक अमरिंदर सिंह प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज थे लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही नए पार्टी अध्यक्ष को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. इसके अलावा महत्वपूर्ण सांगठनिक फेरबदल में अविनाश पांडे को महासचिव बनाकर राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है जबकि विवेक तन्खा लीगल सेल के नए हेड होंगे. विवेक बंसल, मोहम्मद निजामुद्दीन, देवेंद्र यादव और करुण कुमार को पार्टी का नया सचिव बनाया गया है.
इन शुरुआती कदमों से कांग्रेस में बदलाव की नयी बयार बहने की उम्मीद बंधी है लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केवल दो या तीन राज्यों में फेरबदल करने या नए पार्टी अध्यक्ष बनाने से कांग्रेस का भला होने वाला नहीं है. अगर पार्टी वाकई संगठन को मजबूत करना चाहती है तो केंद्रीय नेतृत्व को एक साथ कई कड़े कदम उठाने होंगे और जनहित के मुद्दों से खुद को जोड़ते हुए सड़क पर बड़ी लड़ाई लड़नी होगी.