बजट के मुख्य बिन्दू-
- उत्तराखंड सरकार ने 39 हजार 958 करोड़ का अनुमानित व्यय का बजट पेश किया।
- उत्तराखंड में अनुपयोगी और अव्यवहारिक कानूनों को समाप्त के जाने के लिए आयोग का होगा गठन।
- मुख्यमंत्री कार्यालय में CM डैश बोर्ड की होगी स्थापना। हर रोज प्रत्येक विभाग का किया जाएगा मॉनिटरिंग।
- उत्तराखंड के हर स्कूल में बुक बैंक स्थापित करना होगा अनिवार्य।
- पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए आवासीय विद्यालय और छात्रावास की स्थापना।
- गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क लैपटॉप व स्मार्टफोन वितरित करने के लिए धन का प्रावधान।
- सभी विश्वविद्यालयों में फ्री वाई-फाई की व्यवस्था की जाएगी।
- चारधाम ऑल वेदर रोड को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य।
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। 5 वर्ष में वैकल्पिक ऊर्जा से कुल 10% बिजली सप्लाई पूरी होगी।
- 2019 तक प्रदेश के सभी गांव को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य।
- राज्य में नए बस अड्डों की स्थापना होगी।
- किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने की योजना शुरू होगी।
- 2022 तक हर परिवार को छत देने का लक्ष्य रखा गया।
- राजा के पर्यटक स्थलों पर धनोल्टी की तर्ज पर इको पार्क की स्थापना करने का लक्ष्य।
- नए वाहनों के पंजीकरण की ऑनलाइन व्यवस्था होगी।
- मदरसों को कंप्यूटर शिक्षा है जोड़ने के साथ-साथ सभी का मॉर्डनाइजेशन किया जाएगा।
- आपदा का सामना करने के लिए प्रत्येक गांवों के नागरिकों को एनडीआरएफ के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- महिलाओं के कल्याण के लिए पंडित दीनदयाल सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना होगी।
- राज्य कौशल योजना का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कौशल योजना किया जाएगा।
- उत्तराखंड में किसानों के लिए किसान आयोग के लिये धनराशि की व्यवस्था होगी।
- ग्राम पंचायत कार्यालय का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
इससे पहले दोपहर 3 बजे सत्र दोबारा शुरू होने पर निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने उत्तरकाशी में भागीरथी नदी में समाए वाहन को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि उस वाहन का अभी तक पता नहीं चल सका है, उस वाहन में 12 यात्री सवार थे। उनका कहना था कि सरकार का रेस्क्यू अभियान ठीक नहीं है। इस पर सरकार को जल्द काम करना होगा।
दरअसल, एनएच घोटाले के मामले को लेकर विपक्ष दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग चाहता है। इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति सरकार द्वारा की जा चुकी है इसलिए हंगामा बेवजह बताया जा रहा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से की बात को मानते हुए एनएच-74 घोटाले को लेकर चर्चा भी शुरू कर दी थी।
विपक्ष के नेताओं का कहना है कि एनएच घोटाले के मामले में नितिन गडकरी अधिकारियों को बचा रहे हैं। उधर, विधानसभा बजट के सत्र के पहले दिन पूर्व सीएम हरीश रावत समेत प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह धरने पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मांग है कि उनकी 4000 घोषणाओं में से आधी अधूरी घोषणाओं को सरकार ने रद्द कर दिया है।
सरकार का तर्क है कि हरीश रावत की जिन घोषणाओं में 50% से ऊपर कार्य हो चुका हो उन्हीं पर और पैसा लगाया जाएगा। बाकी सभी घोषणाएं राज्य की माली हालत को देखते हुए रद्द की जाती हैं। जिसको लेकर हरीश रावत आज धरने पर बैठे गए। हालांकि, कुछ देर बाद वो धरने से उठ भी गए।
आज क्या कुछ हुआ सदन में-
- वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बजट पेश किया।
- नियम 310 में चर्चा स्वीकार।
- हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत। गैरसैंण में सत्र ना कराने से दिखे नाराज।
- रावत ने कहा- त्रिवेंद्र रावत ने किया है गैरसैंण का अपमान, हमने दी हैं सभी सुविधायें, वो खुद नहीं जाना चाहतें गैरसैंण।
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केंद्र सरकार भी इस एनएच घोटाले के मामले में हस्तछेप ना करे।
- कुमाऊं के कमिश्नर का ट्रांसफर क्यों हुआ।
- विधानसभा के मुख्य गेट पर राज्य आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी की।
- सरकार के विधायकों ने कहा किसके समय मे हुआ ये घोटाला ये बताएं इंद्रा।
- विपक्ष की नेता ने कहा जिस के भी कार्यकाल में हुआ है घोटाला उसको जेल भिजवाएं।