लखनऊ। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब को आखिकार लखनऊ पुलिस ने अलीगंज इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनपर एक युवती का यौन शोषण कर गलत दवाएं देने का आरोप है। पिछले महीनों फरवरी में यह आरोप छात्रा के परिजनों ने ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान लगाए थे। हालांकि इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी के निर्देश के बाद उनके खिलाफ मड़ियांव में केस दर्ज किया गया था। लेकिन यूपी में विधानसभा चुनावों के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। वह काफी समय से फरार चल रहे थे। लेकिन मंगलवार को अलीगंज इलाके से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां से अय्यूब को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
डॉक्टर बनाने का सपना दिखाकर किया यौन शोषण
युवती के परिवार वालों का आरोप है कि उनकी बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना दिखाकर उसका चार वर्षों तक यौन शोषण किया। इस दौरान उसे गलत दवाएं भी दी गईं लेकिन समाज में लोक लाज के डर से बेटी ने किसी को नहीं बताया। आरोप है कि जब बेटी की हालत बिगड़ गई तो घरवालों ने परीक्षण करवाया। इसमें बेटी की किडनी में पथरी होने की जानकारी मिली।
तब अय्यूब ने बेटी को दवाएं दीं, आरोप है कि गलत दवाएं देने से बेटी को पिछले 8 माह से रक्तश्राव हो रहा था। इसकी जब घरवालों ने इलाज की बात कही तो डॉक्टर खुद ही इलाज करता रहा। जब बेटी की हालत बेहद खराब हो गई तो घरवाले उसे लेकर राजधानी के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़िता के घरवालों ने डॉ. अय्यूब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। तत्कालीन मड़ियांव थाना प्रभारी नागेश मिश्रा ने बताया मृतका के भाई की तहरीर मिलने के बाद डॉ. अयूब खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 376,304,506 के तहत दर्ज किया।
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, संतकबीरनगर के एक गांव के रहने वाले रामू और उनकी मां सुनीता ट्रॉमा सेंटर में अपनी 22 वर्षीय बेटी रीना (सभी नाम काल्पनिक) का पिछली 24 फरवरी 2017 को इलाज करवा रहे थे। यहां इलाज के दौरान 25 फरवरी की रात लड़की की मौत हो गई। रामू का आरोप है कि एक बार जनसभा के दौरान उनका परिवार भी पहुंचा था। परिवार में उनकी बेटी भी साथ में गई थी। इस दौरान घरवाले जब अय्यूब से मिलने गए तो उन्होंने बेटी के बारे में पूछा। यह बात साल 2012 की है तब उनकी बेटी हाईस्कूल में थी। परिजनों ने बताया कि तब अय्यूब ने उनसे कहा कि बेटी पढ़ने में तेज है उसे डॉक्टरी की पढ़ाई करवाओ तो भविष्य बन सकता है। उनकी बात मानकर घरवालों ने बेटी को अय्यूब के पास पढ़ेने के लिए भेज दिया।
इसके बाद अय्यूब ने बेटी का यौन शोषण शुरू कर दिया। बेटी ने घरवालों को यह बात अपने भविष्य और समाज में बदनामी के डर से नहीं बताई थी। आरोप है कि इस दौरान हानिकारक दवाएं भी उनकी बेटी को खिलाईं गईं। आरोप है कि गलत दवाएं खाने से बेटी की किडनी में खराबी बताई गई। उसे पिछले 8 माह से रक्तश्राव हो रहा है, हालत अधिक बिगड़ने पर उसे परिवार वाले लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। यहां परिवारवालों ने मीडिया के सामने पूरा मामला उजागर कर दिया।
डॉ. अय्यूब ने बताया था सपा की साजिश
इस मामले में जब डॉ. अय्यूब से बात की गई तो उन्होंने बताया था कि यह सारी साजिश समाजवादी पार्टी की है। उन्होंने बताया कि 2012 के विधान सभा चुनाव में भी ऐसी हवा उड़ी थी तब सुमित्रा नाम की लड़की ने ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए थे। यह मामला कोर्ट में जाने के बाद जांच हुई तो फर्जी पाया गया इसके सारे दस्तावेज भी उनके पास हैं। उन्होंने बताया इस बार वह खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 27 फरवरी को पांचवे चरण का मतदान होना है इससे पहले फिर सपा ने साजिश करके यह काम किया है। उन्होंने कहा कि यह सारे आरोप निराधार एवं फर्जी हैं जांच करवा ली जाये सब साफ हो जायेगा। फिलहाल डॉ. पर बलात्कार करने सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर कार्रवाई की है।
भाजपा नेता के अस्पताल में यौन शोषण का आरोप
मृतका के परिजनों का आरोप है कि डॉ. अयूब मड़ियांव इलाके में स्थित सेवा हॉस्पिटल में बेटी को लाकर उसका यौन शोषण करते थे। सेवा हॉस्पिटल उत्तरी लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा का है। इस बारे में डॉ. नीरज बोरा ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुझे यह भी नहीं मालूम कि डॉ. अयूब मेरे हॉस्पिटल भी आते थे।
मुझे ये सब बातें मीडिया के माध्यम से पता चली हैं। हम पुलिस की इस जांच में पूरा सहयोग करेंगे।