उत्तराखंड में पर्यटन सेक्टर में निवेश बढ़ा कर रोजगार के मौके बढ़ाने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पिटारा खोल दिया है। नई पर्यटन नीति में राज्य में पर्यटन सेक्टर में निवेश करने और पुरानी पर्यटन संपत्तियों का विस्तार करने को सब्सिडी 25 से 50 प्रतिशत तक तय कर दी है। पर्यटन के कई नए सेक्टर में शत प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान कर दिया है।
नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई। ये नई पर्यटन नीति 2030 तक के लिए है। सरकार की मंशा सात सालों में पर्यटन सेक्टर में निवेश बढ़ा कर राज्य को पर्यटन क्षेत्र में विकसित किए जाने की है। 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी तीन कैटेगरी में दी जाएगी। इसके लिए राज्य के शहरों को तीन कैटेगरी में बांट दिया गया है।
ए कैटेगरी के शहरों को 25 प्रतिशत, बी कैटैगरी में 35 प्रतिशत और सी कैटेगरी में सबसे अधिक 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। नई पर्यटन नीति में पर्यटन के लिहाज से पहले से ही विकसित क्षेत्रों में निवेश करने पर कम सब्सिडी मिलेगी। जिन क्षेत्रों में बहुत अधिक निवेश नहीं हुआ है, वहां सबसे अधिक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
ऐसा कर राज्य के ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ा कर रोजगार और स्वरोजगार के मौके बढ़ाए जाएंगे। ऐसी पुरानी संपत्तियां जो सब्सिडी नहीं चाहती, वे महंगी सेवाओं, विदेशी पर्यटकों, कांफ्रेंसके लिए प्रोत्साहन ले सकेंगी।
ग्लोबल मैकेंजी ने तैयार की पर्यटन नीति: पर्यटन सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने को तैयार आक्रामक पर्यटन नीति का खाका इंटरनेशनल कंसल्टेंट ग्लोबल मैकेंजी ने तैयार किया। राज्य के पर्यटन के लिहाज से अछूते और असीम संभावनाओं वाले क्षेत्रों पर फोकस किया गया। पर्यटन सेक्टर की प्राथमिकताओं में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत समेत देहरादून के चकराता, कालसी जैसे अछूते क्षेत्रों को शामिल किया गया।
ये हैं तीन कैटेगरी
ए कैटेगरी में 25 प्रतिशत सब्सिडी
हरिद्वार, नैनीताल, यूएसनगर, अल्मोड़ा जिले की रानीखेत और अल्मोड़ा तहसील का क्षेत्र। देहरादून का कालसी, चकराता और त्यूणी तहसील का क्षेत्र छोड़ कर अन्य हिस्सा।
बी कैटेगरी में 35 प्रतिशत सब्सिडी
अल्मोड़ा जिले का रानीखेत और अल्मोड़ा तहसील क्षेत्र छोड़कर शेष हिस्सा। दून का कालसी, चकराता, त्यूनी तहसील क्षेत्र, बागेश्वर का गरूड़ तहसील क्षेत्र, पौड़ी का कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर, धूमाकोट तहसील क्षेत्र, टिहरी जिले का धनोल्टी, नरेंद्रनगर तहसील क्षेत्र
सी कैटेगरी में 50 प्रतिशत सब्सिडी
उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ जिले का पूरा क्षेत्र, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी जिले का ऐसा क्षेत्र जो बी कैटेगरी में शामिल नहीं है, वो सी कैटेगरी का हिस्सा होगा।
इन गतिविधियों पर पच्चीस से पचास प्रतिशत तक सब्सिडी
-पर्यटन स्थलों पर पार्किंग लॉट्स
-रोपवे, फनीकूलर्स
-पुराने होटल, रिजॉर्ट का विस्तार, न्यूनतम 15 कमरे नए बनाने होंगे
-फ्लोटिंग रेस्तरां, फ्लोटिंग रिजॉर्ट
-हेरीटेज होटल
-स्पा, हेल्थ रिजॉर्ट, वेलनेस रिजॉर्ट
-टूरिस्ट रिजॉर्ट, टूरिस्ट विलेज
-क्रूज बोट्स, हाउस बोट्स, बोट क्लब
-नेशनल और स्टेट हाइवे पर नॉन फ्यूल वेसाइड सुविधाएं और रेस्तरां, पार्किंग सुविधाएं
-कन्वेंशन सेंटर
-टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी ट्रेनिंग सेंटर
-योगा, आयुर्वेद और नेचुरोपेथी रिजॉर्ट
-म्यूजियम, कमर्शियल आर्ट गैलरी
-एम्यूजमेंट पार्क
इन गतिविधियों पर मिलेगी शत प्रतिशत सब्सिडी
-हिलियम और हॉट एयर बैलून, इलेक्ट्रिक व्हीकल टैक्सी ऑपरेशन, पर्यटन के लिहाज से हेलीकॉप्टर, वॉटर प्लेन
-कैरावान, मोटर हाउस, क्रूज बोट्स, हाउस बोट्स
-साहसिक गतिविधियों के तहत ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, वॉटर स्पोट्र्स, बोट रेस, स्केटिंग, फिशिंग, एयरो स्पोट्र्स
ल्ल ग्रामीण और कल्चर पर्यटन, फेस्टिवल और कार्निवाल, साउंड एंड लाइट शो, लेजर शो, एम्यूजमेंट और रिक्रिएशन गतिविधियां
स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत की छूट मिलेगी
नए होटल, रिजॉर्ट बनाने पर स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही मार्केटिंग, प्रमोशन, स्किल ट्रेनिंग, वेस्ट ट्रीटमेंट पर भी प्रोत्साहन देने, हेली सेवाओं, विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने को भी प्रोत्साहन मिलेगा।