आयुर्वेदिक दवाओं और उत्पादों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने से योग गुरु बाबा रामदेव नाखुश हैं. हालांकि बाबा रामदेव ने सामने आकर इस पर अपनी राय व्यक्त नहीं की है. लेकिन पतंजलि के सीईओ और योगगुरु के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद को 12 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखे जाने पर चिंता जाहिर की. आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि 12 प्रतिशत के स्लैब में रखे जाने से आयुर्वेद के विकास पर विपरीत असर पड़ेगा और सरकार को इस पर पुनर्विचार कर टैक्स को कम करना चाहिए.
बता दें, सरकार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करने की तैयारी कर रही है. वहीं आयुर्वेदिक दवाओं और उत्पादों को 12 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखे जाने से देश में हर्बल और आयुर्वेद उत्पाद बनाने वाली कंपनियों में नाराजगी है.
बाबा रामदेव भी आयुर्वेद को 12 प्रतिशत जीएसटी के स्लैब में लाए जाने से नाखुश हैं. बाबा की ओर से उनके सहयोगी बालकृष्ण का कहना है कि 12 प्रतिशत जीएसटी से आयुर्वेद उत्पादों की बिक्री पर इसका सीधा असर पड़ेगा. आज आयुर्वेद दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है तो ऐसे में सरकार को इसके विकास के लिए और ज्यादा सहूलियतें दी जानी चाहिए. अभी तक आयुर्वेदिक उत्पादों पर सभी तरह के टैक्स 12 प्रतिशत से कम थे. मगर अब इन्हें 12 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है.
आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि टैक्स बढ़ाने से किसानों पर भी इसका असर पड़ेगा. उनका कहना है कि पतंजलि पर भी इसका असर पड़ेगा. पतंजलि देश की सेवा में लगा हुआ है और पतंजलि के ग्राहकों पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक है. आचार्य ने कहा कि आयुर्वेद के विकास और आयुर्वेद को समृद्धशाली बनाने के लिए सरकार को 12 प्रतिशत से कम के टैक्स स्लैब में लाने पर पुनर्विचार करने चाहिए. उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक कंपनियों ने इस बारे में उनसे भी संपर्क किया है.