दिल्ली बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के बीच शीतयुद्ध अब खुलकर सामने आ गया है. गोयल द्वारा 16 मई को आयोजित समारोह में पार्टी के निर्देशों के खिलाफ जाकर शामिल हुए अपने पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्षदों के इस कदम को अनुशासनहीनता करार देते हुए पार्टी ने इस नोटिस पर उनसे जल्द जवाब देने को कहा है. पार्टी नेतृत्व ने साथ इन पार्षदों को निगम में कोई बड़ी जिम्मेदारी ना देने का फैसला किया है.
दरअसल दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी की खबरें हैं. इससे पहले हमारे सहयोगी अखबार मेल टुडे ने खबर भी दी थी कि विजय गोयल के करीबी माने जाने वाले तीन नेताओं की एमसीडी सदन में नियुक्ति पर मनोज तिवारी ने रोक लगा दी थी.
हालांकि यह ताजा विवाद गोयल द्वारा बीजेपी के विजयी पार्षदों के सम्मान में 16 मई को अपने आधिकारिक आवास पर आयोजित समारोह को लेकर है. इस समारोह में बीजेपी सांसद रमेश बिधूंड़ी और प्रवेश राणा जैसे पार्टी नेताओं के अलावा करीब 50 पार्षद भी शामिल हुए थे.
इसे लेकर दिल्ली बीजेपी के महासचिव ने पार्षदों को सूचित किया था कि यह समारोह प्रदेश अध्यक्ष की मर्जी के खिलाफ आयोजित किया जा रहा है. ऐसे में वे इसमें शामिल ना हों. बीजेपी के एक नेता इस बाबत कहते हैं, ‘ऐसे समारोह प्रदेश अध्यक्ष ही आयोजित करते हैं. इस (गोयल के) समारोह में शामिल हुए पार्षदों से पूछा गया है कि उन्हें ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी कि पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर वे गोयल के आवास पर समारोह में शरीक हुए.’