रोहतक नगर निगम के बहुचर्चित फर्नीचर घोटाले में हुई विजिलेंस की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर समेत विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। मामले में फंसे जनप्रतिनिधियों पर रोहतक के मंडलायुक्त कार्रवाई करेंगे, जबकि विभागीय कर्मचारियों पर संबंधित विभाग कार्रवाई करेंगे।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन को नगर निगम रोहतक में फर्नीचर खरीद मामले में धांधली की शिकायत प्राप्त हुई थी। उन्होंने विजिलेंस जांच का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था। विजिलेंस जांच में जनसुविधा केंद्र के फर्नीचर खरीदने के दौरान अधिक रेट और बिना टेंडर खरीद में अनियमितता पाई। इसके लिए रोहतक की मेयर रेणु डाबला, सीनियर डिप्टी मेयर मंजू, डिप्टी मेयर अशोक कुमार, नगर अभियंता जगदीश चंद्र और लेखाधिकारी विकास कुमार को जिम्मेदार करार दिया गया।
रिपोर्ट की गंभीरता को देखते हुए शहरी निकाय मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर एवं डिप्टी मेयर के गलत नैतिक आचरण को आधार बनाकर कार्रवाई की जाए तथा नगर अभियंता के खिलाफ निदेशक शहरी स्थानीय विभाग तथा लेखाधिकारी के खिलाफ निदेशक खजाना तथा लेखा विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
वर्ष 2014 में हुआ था फर्नीचर घोटाला
शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के अनुसार नगर निगम रोहतक में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर एवं सभी पार्षदों के कार्यालय के लिए फर्नीचर खरीदा गया था। 18 लाख रूपए खर्च कर खरीदे गए फर्नीचर में अनियमितताएं सामने आई। पार्षद अशोक खुराना की शिकायत पर पूरे मामले की जांच अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम रोहतक (प्रशिक्षणरत आइएएस) विक्रम को सौंपी गई। उन्होंने आरोपों को सही पाया। रिपोर्ट के अनुसार ठेकेदार से एक लाख 39 हजार रुपए अधिक की खरीद की गई और मामला उजागर होने पर फर्म द्वारा एक लाख 43 हजार रुपए वापस नगर निगम खजाने में जमा करवा दिए गए।