यूपी बूचड़खानों की बंदी से चीन और वियतनाम में मंदी

देश में सर्वाधिक मीट का उत्पादन करने वाले यूपी में बूचड़खानों की बंदी से चीन और वियतनाम इत्यादि देशों में मीट उद्योग में मंदी की स्थिति पैदा हो गई है। गौरतलब है कि भारत अपने बीफ उत्पादों का सर्वाधिक निर्यात वियतनाम को करता है वाया वियतनाम यह मीट चीन जाता है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि देश में मार्च 2015 से फरवरी 2016 के बीच मीट के निर्यात में कमी दर्ज की गई है ,अब जबकि देश में सर्वाधिक बीफ उत्पादक उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों की बंदी का अभियान चलाया जा रहा है यह कमी और भी बढ़ना लगभग तय है ।सरकारी आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि देश में पिछले वित्तीय वर्ष में 4208 मिलियन डालर का मीट निर्यात किया गया था। मौजूदा वित्तीय वर्ष में फरवरी माह तक यह निर्यात 3937 मिलियन डालर का हो गया। देश में बीफ उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में मशहूर यूपी के बरेली स्थित मार्या फ्रोजेन एग्रो फ़ूड प्राइवेट लिमिटेड के इमरोज कहते हैं कि मौजूदा बंदी से चीन को किये जाने वाले बीफ के निर्यात में लगभग 60 फीसदी की कमी आई है निस्संदेह इसलिए सर्वाधिक असर उस पर पड़ा है ।इसके अलावा साउथ अफ्रीका ,अल्जीरिया, मलेशिया इत्यादि देशों पर भी बंदी अपना असर डालने लगी है,इमरोज कहते हैं कि इस बंदी से न सिर्फ यूपी में मीट उद्योग से जुड़े लोगों का रोजगार छिना है बल्कि वियतनाम तक इसका असर देखने को मिल रहा है।

बूचड़खाने की जांच के लिए चीन ने भेजी थी अपनी टीम
प्रदेश में अवैध बूचड़खानों की बंदी ने अपना विश्वव्यापी असर दिखाना शुरू कर दिया है इसका सबसे ज्यादा असर चीन पर पड़ा है। गौरतलब है कि चीन के वाणिज्य विभाग ने कई वर्षों तक भारत से मीट के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा रखा था जिसकी वजह से भारतीय मीट का निर्यात वियतनाम के माध्यम से होता था लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद चीन ने उक्त प्रतिबन्ध को हटा लिया गया और अपनी 14 सदस्यीय टीम हिन्दुस्तान में अलग अलग बूचड़खानों की जांच के लिए भेजी थी ,इस टीम के रिपोर्ट के आधार पर निर्यात बढ़ाया जाना था ।गौरतलब है कि वर्ष 2013 में यूपीए के शासनकाल में चीनी प्रधानमन्त्री के भारत दौरान के दौरान दोनों ही देशों के बीच बीफ के निर्यात को लेकर एक समझौता भी किया गया था ,जिसके बाद चीन को सीधा निर्यात शुरू हुआ था ।

दुनिया में निर्यात का 60 फीसदी हिस्सा भारत के पास
वर्ष 2014-15 के मीट निर्यात के आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि इस दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7
फीसदी हिस्सा था। विश्व के 65 देशों को किए गए इस निर्यात में 80 फीसदी मांस एशिया व बाकी अफ्रीका को भेजा गया।दिलचस्प यह है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद मीट के निर्यात को प्रोत्साहन दिया जा रहा था । 2014-15 में मांस निर्यात से सरकार को 4.8 अरब डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई है जहाँ तक यूपी का सवाल है प्रदेश के पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2014-15 में यूपी के वैध बूचड़खानों में भैंस के मांस का 7515 लाख किलोग्राम उत्पादन हुआ. जबकि बकरी के मांस का 1771 लाख किलोग्राम, भेड़ के मांस का 231 लाख किलोग्राम और सुअर के मांस का 1410 लाख किलोग्राम उत्पादन हुआ भारत  सरकार के पशुपालन विभाग के नये आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 में देश के कुल मांस-उत्पादन में यूपी ने 19.59 फीसद का योगदान किया.

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