हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कपड़ा मंत्री की खूब ढ़्ज्जियां उड़ाई गई।
लखनऊ. इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा को झटका देते हुए यूपी सरकार को ये निर्देश दिए हैं कि अमेठी में राजीव गांधी चैरिट ट्रस्ट के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण केंद्र में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। लखनऊ की हाईकोर्ट ने यह फैसला विकास ब्लॉक महिला समूह द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनाया है। हाईकोर्ट का ये फैसला केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जो इसे बंद करवाने की पूरी कोशिश में थी।
न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला और एसके सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को याचिका के खिलाफ एक प्रतिक्रिया दर्ज करने के निर्देश दिए हैं जिसकी सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप ने इसे महिलाओं के लिए एक बड़ी सफलता करारा दिया है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद अमेठी में बना यह प्रशिक्षण केंद्र बिना किसी परेशानी या हस्तक्षेप के चलेगा।
स्मृति ईरानी के दखल के बाद शुरू हुई थी जांच
साल 1957 से अमेठी की सियासत में ऐसा पहली बार हुआ था जब अमेठी नेहरू परिवार द्वारा विकास के लिए खींचे गए खाके को केंद्र की भाजपा सरकार एक-एक करके बंद कर रही थी। इसी कवायद में जायस स्थित राजीव गांधी महिला विकास परियोजना के अंतर्गत चल रहे वोकेशन ट्रेनिंग सेंटर को प्रशासन बंद करने की तैयारी में जुटी थी। दरअसल, इस सेंटर की जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। सरकारी कागज में यह जमीन विद्यालय के लिए आवंटित थी, लेकिन यहां विद्यालय की जगह वोकेशन सेंटर चल रहा है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के दखल के बाद इस जगह की जांच शुरू कर दी गई और जांच में उचित स्पष्टीकरण और कागजात ना मिलने के कारण अब इस वोकेशन सेंटर को बंद करने की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है।
महिलाएं जीवकोपार्जन को लेकर थी बेहद चिंतित-
किसान रमेश कुमार सोनकर ने कहा कि इस सेंटर से इन तीस सालो में लगभग तीस हजार से अधिक महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया और और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपना रोजगार चलाने लगी। अभी भी इस सेंटर से कम से कम चार सौ महिलाएं प्रशिक्षण पा रही है, जब से इस सेंटर को बंद करने की बात शुरू हुई है, तब से ये महिलाएं अपने जीवकोपार्जन को लेकर बेहद परेशान हैं।