मिट्टी ने की “लालू” की मिट्टी पलीद

लालू प्रसाद के परिवार पर 90 लाख रूपए की मिट्टी गैरकानूनी तरीके से पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान को बेचने के आरोप से बिहार की राजनीति गरमा गई है. लालू इस मसले पर सफाई-दर-सफाई दे रहे हैं और नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू के बेटे और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव को बर्खास्त करने की मांग कर डाली है. गौरतलब है कि पटना और दानापुर के बीच सगुना मोड़ के पास बिहार का सबसे बड़ा मौल बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वह मौल लालू और उनके परिवार का है. राजद के सुस्संड के विधायक अबू दौजाना की कंपनी मौल बना रही है. उसी मौल से निकली मिट्टी को बगैर टेंडर निकाले जैविक उद्यान को बेच दिया गया है.

मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अपने परिवार को मिट्टी घोटाले में फंसते देख कर लालू यादव आधी रात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके घर पहुंच गए. 4 अप्रैल को अपने जनता दरबार के बाद मोदी ने बताया कि डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में तेजप्रताप यादव, तेजस्वी यादव और चंदा यादव साल 2014 से ही डायरेक्टर हैं. उसी कंपनी की जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मौल बनाने का दावा किया जाता रहा है. मौल को बनाने के लिए काट कर निकाली गई मिट्टी को जैविक उद्यान को बेच दिया गया है. मौल के 2 अंडर ग्राउंड फ्लोर के लिए काटी गई मिट्टी गैरकानूनी तरीके से जैविक उद्यान को बेची गई है. इस मामले की अगर ईमानदारी से जांच कराने से दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है.

गौरतलब है कि साल 2008 में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने लालू यादव पर आरोप लगाया था कि रेलवे के 2 होटल हर्ष कोचर को देने के एवज में कोचर ने पटना के सगुना मोड़ के पास 2 एकड़ जमीन लालू को दी थी. उसी जमीन पर मौल बनाया जा रहा है. मौल को बनाने का काम मेरीडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड कर रही है. यह कंपनी राजद विधयक सैयद अबु दौजाना की है.

मोदी का दावा है कि बगैर कोई टेंडर निकाले मिट्टी उठाने और गिराने का काम रूपसपुर के बीरेंद्र यादव के एमएस इंटरप्राइजेज को दिया गया. पिछले 2 महीने से रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे के बीच 5 लाख घन फुट मिट्टी ढुलाई का काम चल रहा था. जबकि रात के समय में वन्य प्राणियों के उद्यान में निर्माण कार्य या किसी भी तरह की गतिविधियों पर रोक है. मोदी बताते हैं कि बिहार वन्य प्राणी संरक्षण कोष से मिट्टी की कीमत चुकाई गई है, जबकि 334 करोड़ 41 लाख रूपए से बनाए गए कोष के ब्याज की राशि केवल वन्य प्राणियों के संरक्षण पर ही खर्च की जा सकती है.

अपने ऊपर लगे आरोपों से तिलमिलाए लालू मोदी को झूठा बताते हुए कहते हैं कि मोदी का आरोप पूरी तरह से गलत है और वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं. लालू कहते है कि वह पिछले कई सालों से चिड़ियाखाना को मुफ्त में गोबर देते रहे हैं. आखिर मिट्टी बेचने और खरीदने का कोई रिकार्ड तो होगा, वह मोदी क्यों नहीं सामने लाते हैं? मोदी केवल झूठ का व्यपार करते हैं.

इस मसले पर जब संजय गांधी जैविक उद्यान के निदेशक नंदकिशोर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उद्यान के सौंदर्यीकरण के लिए 44 लाख रूपए की मिट्टी की खरीद की गई है, जिसकी कीमत 27 लाख है. मिट्टी की खरीद में सभी नियमों का पालन किया गया है. एसएस इंटरप्राइजेज से मिट्टी की खरीद हुई हैं और इस खरीद योजना को 7 महीने पहले ही मंजूरी मिली थी. उन्होंने यह भी दावा किया किया है कि किसी राजनेता के यहां से मिट्टी नहीं खरीदी गई है.

राजद विधयक सैयद अबु दौजाना कहते हैं कि मौल से निकाली गई मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान नहीं बल्कि उनके दूसरे प्लौटों पर भेजा गया है. उनकी कपंनी कन्वर्जन पर जमीन लेकर मौल बना रही है. सुशील मोदी अपने गलत आरोप के लिए माफी मांगे, नहीं तो उन पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा.

जैविक उद्यान में मिट्टी भराई के मामले को लेकर हल्ला मचने के बाद राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई का पता चल सकेगा, लेकिन फिलहाल तो मिट्टी ने लालू यादब और महागठबंधन सरकार की मिट्टी पलीद कर ही दी है.

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