बिहार रिन्यूअबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) ने अगले पांच सालों में लगभग ढाई हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।गैर परम्परागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बीते दिनों केन्द्र सरकार के स्तर पर समीक्षा हुई। तय हुआ कि अगले पांच साल में देश में 99 हजार 533 मेगावाट बिजली का उत्पादन गैर परम्परागत माध्यमों से किया जाए। इसमें बिहार सरकार को सौर ऊर्जा में 2493 मेगावाट का लक्ष्य दिया गया है। बायोमास बिजली में देश में 10 हजार मेगावाट बिजली का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें से बिहार में 244 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। जबकि भूसी से देश में पांच हजार मेगावाट तो बिहार में 25 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है।
इसी के आलोक में बिजली कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को लिखित तौर पर बताया है कि वह कोयला के अलावा अन्य माध्यमों से उत्पादित होने वाली बिजली पर भी काम करेगा। वित्तीय वर्ष 2015-16 में सौर ऊर्जा में 266 मेगावाट बिजली का लक्ष्य तय किया गया था। ब्रेडा ने इसमें से 105 मेगावाट हासिल कर लिया। अप्रैल 2017 तक इसमें 43 मेगावाट और वृद्धि होने की संभावना है। ब्रेडा की कोशिश है कि मार्च 2018 तक गैर परंपरागत ऊर्जा माध्यमों की बिजली उत्पादन क्षमता दोगुनी यानी 576 मेगावाट से अधिक कर ली जाए। वहीं 2022 तक 2500 मेगावाट तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। गैर परम्परागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी भवनों पर सोलर रूफ टॉपअप योजना पर काम चल रहा है। अस्पताल, प्रखंड परिसर, जिला अतिथि गृह के बाद न्यायालयों में काम जारी है। निजी क्षेत्रों को आमंत्रित किया गया है। ग्रिड के माध्यम से सोलर बिजली इकाई पर भी काम जारी है।