टाटा पावर और अदाणी पावर को अपने बिजली संयंत्रों के लिए मुआवजा मसले पर पांच साल पुराने मामले में बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने किसी भी आधार पर टाटा पावर और अदाणी को राहत देने से आज इनकार कर दिया। अदालत का आदेश बिजली क्षेत्र के लिए नजीर बन सकता है जिसमें कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय कानून में किसी तरह के बदलाव का भार बिजली दरों पर नहीं डाला जा सकता। इसके साथ ही आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के भविष्य पर भी सवाल खड़े होते हैं।
यह मामला टाटा पावर (कोस्टल गुजरात पावर लि. – सीजीपीएल) के गुजरात स्थित मुंद्रा में 4,000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट और अदाणी पावर के 1980 मेगावॉट के बिजली संयंत्र से जुड़ा है। दोनों ही संयंत्र एक ही जगह पर स्थित हैं और इंडोनेशिया से आयातित कोयले पर निर्भर हैं।
गुजरात, राजस्थान, महाराष्टï्र, पंजाब और हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के साथ इन दोनों कंपनियों का मामला चल रहा था। बिजली कंपनियों का तर्क था कि इंडोनेशिया के कोयला बाजार में नियमन और आयातित कोयले की कीमतों में बदलाव हुआ है, ऐसे में उन्हें शुल्क दरें बढ़ाने की मंजूरी दी जाए। विद्युत अपीलीय पंचाट के दिसंबर 2016 के आदेश के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने दोनों कंपनियों की राहत की गणना की थी।
लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अपीलीय पंचाट और सीईआरसी के आदेश को दरकिनार करते हुए किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने सीईआरसी को निर्देश दिया कि वह मामले को नए सिरे से देखे और यह तय करे कि बिजली खरीद करार के उपबंध 13 के तहत आने वाली बिजली कंपनियों को किस तरह से राहत दी जा सकती है। बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि बिजली खरीद करार का उपबंध 13 भारतीय परिस्थितियों में कानून में बदलाव से संबंधित है।
टाटा और अदाणी ने अंतरराष्ट्रीय नियमनों में बदलाव की बात कही थी, ऐसे में दोनों कंपनियों के पास राहत मिलने की गुंजाइश कम ही है। आईडीएफसी ने कहा कि अदाणी पावर मुआवजा राहत के तौर पर करीब 3000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद कर रही थी, वहीं टाटा पावर 2,700 करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्मीद कर रही थी।
आईडीएफसी ने कहा, ‘यह कंपनियों के लिए निराश करने की वाली है लेकिन घरेलू कोयले की किल्लत से संबंधित मामलों में कंपनियां मुआवजा पाने की पात्र होंगी।’ अदालत के फैसले का असर टाटा पावर और अदाणी पावर के शेयरों पर देखा गया। बंबई स्टॉक एक्सचेेंज पर टाटा पावर का शेयर 3.5 फीसदी और अदाणी पावर 16.6 फीसदी की गिरावट पर बंद हुआ।
इस फैसले से दोनों कंपनियों की आय पर भी असर पड़ेगा। टाटा पावर को वित्त वर्ष 2018 के आय अनुमान में काफी कमी करनी पड़ सकती है, वहीं अदाणी पावर को अपनी बड़ी आय को बट्टे में डालना पड़ सकता है क्योंकि कंपनी संभावित प्रतिपूर्ति शुल्क को पहले ही आय में शामिल कर चुकी है।