कमउम्र भतीजी के इश्क में बीबी को दिया तलाक़

कानपुर: तीन बस पहले मोहल्ले के एक खूबसूरत चेहरे पर फिदा हो गया। निकाह में कोई दिक्कत नहीं आई।कुछ दिन मियां-बीवी की मोहब्बत जवां रही, फिर आशिक मिजाज फैजान का दिल डोलने लगा। उसे बीवी जहांआरा की भतीजी अच्छी लगने लगी। उसने फोन पर बीवी को तीन तलाक दिया और भतीजी को लेकर भोपाल से भाग निकला।

. यह दिल आशिकाना है… भोपाल के ऐशबाग में रहने वाले फैजान तीन बस पहले मोहल्ले के एक खूबसूरत चेहरे पर फिदा हो गया। तमाम दिन माशूका जहांआरा के घर और खूबसूरत चेहरे के आगे-पीछे चक्कर काटने के बाद एक दिन मौका देखकर दिल का हाल बयां कर दिया। मोहब्बत में कशिश दिखी तो कबूल हो गई। परिवार भी रजामंद थे, ऐसे में निकाह में कोई दिक्कत नहीं आई। कुछ दिन मियां-बीवी की मोहब्बत जवां रही, फिर आशिक मिजाज फैजान का दिल डोलने लगा। उसे बीवी जहांआरा की भतीजी अच्छी लगने लगी थी। बीवी की नजरों से छिपाकर फैजान की हरकतें बढऩे लगीं, उधर कमउम्र भतीजी भी अपने फूफा को इश्क करने लगी।

धीरे-धीरे फूफा-भतीजे के प्रेम के चर्चे होने लगे तो जहांआरा ने जासूसी कराई। सच सामने आने पर घर में खूब झगड़ा हुआ। नतीजे में फैजान ने भागकर दूसरा निकाह करने का इरादा बना लिया। उसने फोन पर बीवी को तीन तलाक दिया और भतीजी को लेकर भोपाल से भाग निकला। इरादा तो कानपुर में किसी काजी को खोजकर निकाह करने का था, लेकिन कामयाब होने से पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच गया।

फैजान एक सप्ताह पहले अपनी बीवी की भतीजी को लेकर घर से गायब हुआ था। उसके खिलाफ भोपाल के ऐशबाग थाने में अपहरण का मामला भी दर्ज है। पूछताछ में फैजान ने कानपुर पुलिस को बताया कि तीन साल पहले जहांआरा से निकाह के बाद उसकी भतीजी अक्सर ही घर आती रहती थी। चौदह बरस की भतीजी को फैजान अक्सर ही चॉकलेट-टैडी लाकर देता था। चूंकि दोनों का मोहल्ला एक ही था, ऐसे में भतीजी देर शाम तक बुआ जहांआरा के पास ही रहती थी। जहांआरा उसे पढ़ाती और घर-गृहस्थी के काम समझाती थी। फैजान को फुर्सत होती तो वह बीवी के दूसरे कामों में उलझा होने पर भतीजी को पढ़ाता था, इसी दौरान दोनों एक-दूसरे के करीब पहुंच गए और फूफा-भतीजी एक-दूसरे से इश्क करने लगे।

मोहल्ले में फैजान के नए इश्क की चर्चा होने लगी। बात उड़ते-उड़ते जहांआरा तक पहुंची तो उसने मियां पर निगाह रखना शुरू कर दिया। हरकतों ने चुगली की तो जहांआरा ने सबूत जुटाने के लिए फैजान की जासूसी कराई। बाजार में एक-दूसरे का हाथ पकडक़र घूमते फैजान और भतीजी का मोबाइल पर फोटो मिलते ही जहांआरा ने खूब झगड़ा किया। फैजान ने हाथ-पैर भी चलाए, लेकिन जहांआरा ने उसकी करतूतों की जानकारी ससुराल के साथ-साथ मायके तक भी पहुंचाई। सभी ने फैजान को बहुत समझाया, लेकिन वह ठीठ निकला।

भतीजी पर पहरेदारी थी। उसे अकेले बाजार जाने की छूट भी नहीं थी। स्कूल छोडऩे और लेने कोई जाता-आता था। ऐसे में फैजान उसका दीदार करने के  लिए तड़प रहा था। फैजान बताता है कि सहेली के जरिए नई माशूका तक संदेश भेजा, इरादा घर से भागकर निकाह करने का था। भतीजी तैयार हो गई, तारीख तय थी। फैजान ने कानपुर के अपने एक दोस्त से काजी का इंतजाम करने को कहा और एक सप्ताह पहले बीवी की फोन पर तीन तलाक बोलकर भतीजी को लेकर गायब हो गया। फैजान के साले ने उसके खिलाफ बेटी के अपहरण की रिपोर्ट ऐशबाग थाने में दर्ज कराई, लेकिन उसकी खोज-खबर नहीं मिली।

एक सप्ताह तक उधर-इधर घूमने के बाद फैजान अपनी माशूका को लेकर भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस से कानपुर पहुंच गया। वादे के मुताबिक दोस्त स्टेशन पर नहीं मिला। फैजान ने उसे फोन किया तो वह स्विच ऑफ था। ऐसे में नाश्ता करने के बाद फैजान ने माशूका को इंतजार करने के लिए कहा और खुद किसी काजी का इंतजाम करने के लिए निकल गया। इसी दौरान कानपुर जीआरपी प्रभारी सतीश गौतम ने एक लडक़ी को गुमसुम अकेले खड़े देखा तो सवाल-जवाब किए। पुलिस के सवालों से भतीजी घबराई तो पुलिस ने उसे थाने चलने को कहा, इसके बाद उसने पूरा किस्सा बयां कर दिया। इसी दौरान फैजान भी वहां पहुंचा तो उसे पुलिस ने दबोच लिया।

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